tag:blogger.com,1999:blog-18436534.post2974893470916625034..comments2024-01-10T15:57:22.152+05:30Comments on मसिजीवी: दिल्ली शहर के लाईट हाऊस यानि पुस्तकालयमसिजीवीhttp://www.blogger.com/profile/07021246043298418662noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-18436534.post-58912241417047809082007-07-22T19:12:00.000+05:302007-07-22T19:12:00.000+05:30शुक्रिया!!हमारे अपने शहर में दो लायब्रेरी है, एक त...शुक्रिया!!<BR/><BR/>हमारे अपने शहर में दो लायब्रेरी है, एक तो सरकारी और दूसरा रामकृष्ण मिशन का स्वामी विवेकानंद स्मृति, इनमे से विवेकानंद लायब्रेरी ही विख्यात है, चाहे वह छात्रों के बीच हो या फ़िर किताबों के शौकीनों के बीच, हम स्कूल से ही इस लायब्रेरी के सदस्य हैं। पर सरकारी लायब्रेरी की खस्ताहालत देखकर अफ़सोस होता है।<BR/>अभी दो साल पहले यहां शहीद स्मारक बना तो सरकारी लायब्रेरी को वहां स्थानांतरित कर दिया गया और सरकारी मदद बढ़ा दी गई है, आशा है कि अब हालत सुधरेगी वहां की!!Sanjeet Tripathihttps://www.blogger.com/profile/18362995980060168287noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-18436534.post-13232644198421759652007-07-21T22:17:00.000+05:302007-07-21T22:17:00.000+05:30धन्यवादधन्यवादकाकेशhttps://www.blogger.com/profile/12211852020131151179noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-18436534.post-50180406897422690392007-07-21T22:11:00.000+05:302007-07-21T22:11:00.000+05:30मसिजीवी जी, आप ने तो पुराने दिनों की याद दिला दी. ...मसिजीवी जी, आप ने तो पुराने दिनों की याद दिला दी. दिल्ली पब्लिक लायब्रेरी की करोलबाग शाखा और पूर्वी पटेल नगर शाखाओं से किताबों तो दिल्ली में जब तक रहा, पढ़ता ही रहा. बचपन की विभिन्न प्रदेशों की लोककथाओं से ले कर विमल मित्र और आशापूर्णा देवी जैसे बँगाली लेखकों के हिंदी अनुवाद सब वहीं से किताब ले कर पढ़े थे. यह पढ़ कर कि उनकी हालत अब बिगड़ चुकी है, बहुत दुख हुआ. हमारे राजेंद्र नगर में एक साईं पुस्तक पढ़ने का कक्ष भी था, जहाँ किताबें और पत्रिकाँए घर नहीं ले जाने देते थे पर वहाँ जा कर पढ़ सकते थे. जब यनिवर्सिटी जाने लगा था तब रफी मार्ग पर आईफेक्स में स्थित ब्रिटिश लायब्रेरी का सदस्य बना था. कस्तूर्बा गाँधी मार्ग पर हिंदुस्तान टाईमस के करीब अमरीकी लायब्रेरी भी थी, पर मुझे वह कभी अच्छी नहीं लगी! धन्यवाद.Sunil Deepakhttps://www.blogger.com/profile/05781674474022699458noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-18436534.post-57902109159704646002007-07-21T20:40:00.000+05:302007-07-21T20:40:00.000+05:30सही बताया ।सही बताया ।Pratyakshahttps://www.blogger.com/profile/10828701891865287201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-18436534.post-82010506429138845792007-07-21T19:46:00.000+05:302007-07-21T19:46:00.000+05:30बहुत बेहतरीन जानकारी दी गई है. दिल्ली के पुस्तकालय...बहुत बेहतरीन जानकारी दी गई है. दिल्ली के पुस्तकालयों से परिचित कराने के लिये आभार.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-18436534.post-87623237732629990542007-07-21T18:09:00.000+05:302007-07-21T18:09:00.000+05:30अच्छी जानकारी है!अच्छी जानकारी है!Anonymousnoreply@blogger.com