tag:blogger.com,1999:blog-18436534.post3532004575034971313..comments2024-01-10T15:57:22.152+05:30Comments on मसिजीवी: पाशविक कबीलाई नंगई के खिलाफ मेरे क्रोध को दर्ज मानेंमसिजीवीhttp://www.blogger.com/profile/07021246043298418662noreply@blogger.comBlogger13125tag:blogger.com,1999:blog-18436534.post-75886741583118359452008-03-13T18:11:00.000+05:302008-03-13T18:11:00.000+05:30क्रोध है पर घुघुती जी की तरह मैं पशुओं का अनादर नह...क्रोध है पर घुघुती जी की तरह मैं पशुओं का अनादर नहीं करुंगा.कुछ दिनों में पशु यह जरूर कहेंगे यह इंसानियत है.काकेशhttps://www.blogger.com/profile/12211852020131151179noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-18436534.post-32623111526694902372008-03-13T17:07:00.000+05:302008-03-13T17:07:00.000+05:30क्या किया जाए यह सोचना जरुरी है, हम आखिर क्या बनते...क्या किया जाए यह सोचना जरुरी है, हम आखिर क्या बनते जा रहे हैंSanjeet Tripathihttps://www.blogger.com/profile/18362995980060168287noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-18436534.post-73249987823936164492008-03-13T14:53:00.000+05:302008-03-13T14:53:00.000+05:30पाशविकता कह कर पशुओं का अनादर नहीं करूँगी । यह कोई...पाशविकता कह कर पशुओं का अनादर नहीं करूँगी । यह कोई छोटी मोटी बात नहीं है । वह एक्सप्रैस ट्रेन पेसेन्जर में क्यों परिवर्तित कर दी गई ? रे. पुलिस ने अपना काम नहीं किया । उनके विरुद्ध कार्यवाही होनी चाहिये । वे अपना काम क्यों नहीं कर पाए या क्यों नहीं करना चाहते थे, यह भी पता लगाना चाहिये । यदि आवश्यकता हो तो पुलिस को हथियारों से लैस करना चाहिये । क्या इतनी अराजकता इसलिए हो रही है कि पुलिस जिसे रक्षा का काम सौंपा गया है स्वयं बेहद दयनीय स्थिति में है ? उनका वेतन इतना कम है कि ईमानदारी से अपना जीवन यापन करना उनके लिए असंभव है । फिर समाज में भी उनका कोई आदर नहीं है । <BR/>कारण जो भी हों उसकी कीमत हमारे बच्चों से नहीं वसूली जा सकती । यदि इतनी बड़ी संख्या में यात्रा करते हुए युवा सुरक्षित नहीं हैं तो अकेली यात्रा करती कोई युवती कैसे सुरक्षित रहेगी ? हम अपने युवाओं पर आरोप लगाते हैं कि अत्याचार होता रहता है और वे आँखें मूँदे रहते हैं । यहाँ जब युवकों ने अपनी सहपाठिनों के पक्ष में बोलना चाहा तो उनकी यह दुर्गति हुई । अब हम कैसे आशा कर सकते हैं कि वे सड़क पर चलती युवती को बचाने की कभी कोशिश भी करेंगे ?<BR/>एक बात और, जो लोग भारतीय सभ्यता या भारतीय गाँवों, कस्बों की संस्कृति की दुहाई देते हैं और विदेशी मानसिकता वाले महानगरीय आभिजात्य वर्ग की कुसंस्कृति की बुराई करते नहीं थकते वे भी अपनी इस तथाकथित संस्कृति पर गौर फरमाएँ ।<BR/>घुघूती बासूतीghughutibasutihttps://www.blogger.com/profile/06098260346298529829noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-18436534.post-10078277627209890532008-03-13T10:05:00.000+05:302008-03-13T10:05:00.000+05:30शायद यही उनके लिये स्वतंत्रता का मतलब है.नीचता और ...शायद यही उनके लिये स्वतंत्रता का मतलब है.नीचता और पाशविकता शायद दूसरो को देख कर ही जागती है,खुद के परिवार को आदमी इस से अलग ही रखता है ,और साथ मे इसे अपनी अभिवयक्ती की स्वतंत्रता बताता है चाहे यहा ब्लोग की दुनिया हो या पलवल की ,बस अपनी भडास निकलनी चाहिये ..Arun Arorahttps://www.blogger.com/profile/14008981410776905608noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-18436534.post-24404730940278333732008-03-13T09:31:00.000+05:302008-03-13T09:31:00.000+05:30शुक्र है की एक और गोधरा कांड होते-होते बच गया। और ...शुक्र है की एक और गोधरा कांड होते-होते बच गया। और हाँ ये पाशविक हरकत करने वाले किसी खास संप्रदाय के नहीं थे। हैवानियत मुर्दाबाद, इंसानियत जिन्दाबाद।Arun Adityahttps://www.blogger.com/profile/11120845910831679889noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-18436534.post-10351915482245653772008-03-13T09:25:00.000+05:302008-03-13T09:25:00.000+05:30mae bhi aap kae krodh mae sahbhagii hun . unmukt j...mae bhi aap kae krodh mae sahbhagii hun . unmukt jee kae prash ka utr haen kii agar kisi kae paas bhi koi tasveer ho unkii jo is kand mae involve they usae ham sab ko apni bllog patti per kale rang kae saath aur is link kae saath daalna hoga takki ham virodh darj karsake aur unko bae nakab bhi kar sakae <BR/>masjivi ji chitr uplabdh karaa de koi daale ya naa dale mae avshya dal kar rakhna chaugeeAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-18436534.post-44718530191580906642008-03-13T09:09:00.000+05:302008-03-13T09:09:00.000+05:30नीचता की हद है.नीचता की हद है.Sanjay Tiwarihttps://www.blogger.com/profile/13133958816717392537noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-18436534.post-48003634131256815872008-03-13T09:01:00.000+05:302008-03-13T09:01:00.000+05:30क्रोध आक्रोश तो होता है। क्या कोई सुजाव देगा कि हम...क्रोध आक्रोश तो होता है। क्या कोई सुजाव देगा कि हम क्या और कर सकते हैं।उन्मुक्तhttps://www.blogger.com/profile/13491328318886369401noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-18436534.post-90373577280029274862008-03-13T08:49:00.000+05:302008-03-13T08:49:00.000+05:30meraa virodh bhee darz kare.I am very shocked to h...meraa virodh bhee darz kare.<BR/>I am very shocked to hear this and angryस्वप्नदर्शीhttps://www.blogger.com/profile/15273098014066821195noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-18436534.post-6984590418833295272008-03-13T08:44:00.000+05:302008-03-13T08:44:00.000+05:30क्या कहा जाये..!क्या कहा जाये..!azdakhttps://www.blogger.com/profile/11952815871710931417noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-18436534.post-52538992069592170672008-03-13T07:00:00.000+05:302008-03-13T07:00:00.000+05:30मेरा क्रोध भी दर्ज करें इस पाशविक दुर्घटना पर.मेरा क्रोध भी दर्ज करें इस पाशविक दुर्घटना पर.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-18436534.post-64974125548172483202008-03-13T06:38:00.000+05:302008-03-13T06:38:00.000+05:30जंगली हैं सब लोग, कानून की तो जिस तरह से धज्जियाँ ...जंगली हैं सब लोग, कानून की तो जिस तरह से धज्जियाँ इंडिया में उड़ती है उस पर तो रिसर्च होनी चाहिये। अरे शायद पशु इस तरह के समूहों से ज्यादा सभ्य होंगे। इन्हें पाशविक कहना निरीह पशुओं को गाली देने जैसा ही है।Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-18436534.post-847615097536436972008-03-13T05:54:00.000+05:302008-03-13T05:54:00.000+05:30किसी समय में माना जाता था कि जहां समूह है, वहां पा...किसी समय में माना जाता था कि जहां समूह है, वहां पाशविकता पनप नहीं पायेगी, क्योंकि ज्यादातर लोग अच्छे होते हैं. लेकिन अब समीकरण बदल चुके लगते हैं. जहां समूह है, आदमी और भी गंदे काम करेगा. <BR/><BR/>लगता है समूह में पाशविक प्रकृति के लोग ज़्यादा होते हैं.Anonymousnoreply@blogger.com