tag:blogger.com,1999:blog-18436534.post5235210630156223884..comments2024-01-10T15:57:22.152+05:30Comments on मसिजीवी: कभी कभी अनहिट, निर्लिंक व टिप्पणीशून्य भी लिखें- अपने लिएमसिजीवीhttp://www.blogger.com/profile/07021246043298418662noreply@blogger.comBlogger10125tag:blogger.com,1999:blog-18436534.post-87745733351966537272007-09-17T03:28:00.000+05:302007-09-17T03:28:00.000+05:30अच्छा लगा, इसका शीर्षक देखकर भी और पढ़कर भी। विशेषक...अच्छा लगा, इसका शीर्षक देखकर भी और पढ़कर भी। विशेषकर इसलिये कि मैंने भी ऐसा लिखा है, जो टिप्प्णीशून्य है। अधिक चर्चा शायद किसी पोस्ट पर कर दूँ।Rajeev (राजीव)https://www.blogger.com/profile/04166822013817540220noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-18436534.post-33442919512543861602007-07-02T16:08:00.000+05:302007-07-02T16:08:00.000+05:30वैसे आप भी हिट लिस्ट में ही है जनाब...हम आते तो रो...वैसे आप भी हिट लिस्ट में ही है जनाब...हम आते तो रोज है आपके चिट्ठे पर बस टिप्पणी नही देते है...मेरे ख्याल से टिप्पणी तो सिर्फ एक दिल बहलाव है असली बात तब है जब कोई पढ़कर टिप्पणी दें...<BR/><BR/>शानूसुनीता शानूhttps://www.blogger.com/profile/11804088581552763781noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-18436534.post-2646252921466263072007-07-01T17:06:00.000+05:302007-07-01T17:06:00.000+05:30सत्य वचन!!आलोक जी की बात का भी पूर्ण समर्थन करता ह...सत्य वचन!!<BR/><BR/>आलोक जी की बात का भी पूर्ण समर्थन करता हूँ.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-18436534.post-77363918400090976062007-07-01T16:55:00.000+05:302007-07-01T16:55:00.000+05:30हा हा 6 टिप्पणियां तो मिल छुकी आपको । वैसे बात ठी...हा हा 6 टिप्पणियां तो मिल छुकी आपको । वैसे बात ठीक है । नारद और अन्य आइने न हो तो क्या मायने है हिट वगैरह के ।आप लिखें ,पढा जयेगा अगर पडने लायक होगा और टिपियाया भी जाएगा ।पर जैसा कि कुछ्अ लोगो के लिए यह छ्पास का इलाज है सो रचना के आनन्द से बडा हो जाता है छपने और पहचाने जाने का आनंद ।और फिर यह ब्लागिन्ग है जनाब ! कोई मज्बूरी नही । ।सुजाताhttps://www.blogger.com/profile/10694935217124478698noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-18436534.post-42196147206378861412007-07-01T16:07:00.000+05:302007-07-01T16:07:00.000+05:30masIjIvI jI हर किसी का अपना एक ढंग होता है .आप हमे...masIjIvI jI हर किसी का अपना एक ढंग होता है .आप हमेशा किसी गंभीर मसले को लेकर इक विशिष्ट शैली मे लिखते है आलोक जी बहुत पुराने स्थापित व्यंगकार.<BR/>आप माने या ना माने मै यह व्यंग मे नही कह रहा हू नारद की हिट कॊई माने नही रखती है क्योकी यहा भी लोग मैने प्राक्सी करते देखे है मने रखती है लोगो की राय जिसके लिये आप की भी पोस्ट तरसती नही और इसके लिये अपन जब और जो मन मे आ जाये वही लिखे यही सही ब्लोगिंग है मेरे हिसाब से...?Arun Arorahttps://www.blogger.com/profile/14008981410776905608noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-18436534.post-53961976465523264342007-07-01T14:21:00.000+05:302007-07-01T14:21:00.000+05:30"बीच बीच में कुछ कुछ अपने लिए भी लिख बैठते हैं- लो..."बीच बीच में कुछ कुछ अपने लिए भी लिख बैठते हैं- लोग पढ़ें और सराहें तो भी ठीक है- वरना खुद को तो आनेद मिला।"<BR/>सचमुच कुछ भी लिखना, अगर पेशेवर लेखक नहीं और रोजी रोटी लिखने पर न टिकी हो तो अपने लिए ही होना चाहिये. यूँ भी अधिकतर जीवन वह सब करने में गुजरता है जिसे अन्य लोग चाहते हैं, अगर चिट्ठे भी दूसरों का सोच कर लिखने लगे तो क्या मजा रहेगा?Sunil Deepakhttps://www.blogger.com/profile/05781674474022699458noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-18436534.post-74451563521450371692007-07-01T14:17:00.000+05:302007-07-01T14:17:00.000+05:30आलोक भाई ने बिलकुल ठीक कहा..काहे की हिट ?अपन लोग ज़...आलोक भाई ने बिलकुल ठीक कहा..काहे की हिट ?अपन लोग ज़रा अपने आपको पहले उस टेप से नाप लें जो श्रीरामचरितमानस से शुरू होता है और शिव खेडा़ पर आकर ख़त्म होता है.मुग़ालते में रहने की ज़रूरत नहीं.और एक ख़तरा में भाँप रहा हूं वह यह कि ज़्यादातर लोग ऐसे लिख रहे हैं जो किसी पहचान के लिये विचलित हैं ...इसमे कुछ बुरा नहीं ..किसी के घर डाका थोडे़ ही डाल रहे हैं.दूसरी बात यह कि ब्लागिंग लिखने वालों की निजी ज़िन्दगी में एक हंगामा और क्लेश भी बन सकता है क्योंकि ये काम बहुत टाइम खाता है (खा़सकर परिजनों का)और आख़िर में एक सबसे बडे खतरे की ओर इशारा...हम हाथ में पुस्तक लेना भूलते जा रहे है...भगवान सबका भला करे !शब्द-सृष्टिhttps://www.blogger.com/profile/02059314373378705514noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-18436534.post-68692656221276997952007-07-01T13:31:00.000+05:302007-07-01T13:31:00.000+05:30मसिजीवीजी, मेरी पोस्टों को हिट बताने के लिए तहे दि...मसिजीवीजी, मेरी पोस्टों को हिट बताने के लिए तहे दिल से शुक्रिया। पर सरजी जरा सोचिये, पांच छह सौ लोगों के कुनबे में काहे का हिट और काहे का फिट। कुल मामला यह है कि एक मजमा सा लगा हुआ है, थोड़ी विस्तृत सी गोष्ठी टाइप। सब अपने आइटम लिये खड़े हैं। देख लो जी मेरी भी। कोई कह रहा है-बचना ऐ हसीनों, लो मैं आ गया टाइप। अभी हिंदी की ब्लागिंग इत्ती शैशवावस्था में है, कि हिट ऊट मानना सिर्फ गलतफहमी की बात है।ALOK PURANIKhttps://www.blogger.com/profile/09657629694844170136noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-18436534.post-23147610109709269362007-07-01T13:30:00.000+05:302007-07-01T13:30:00.000+05:30अनहिट और टिप्पणीशून्य लिखने की ज़रूरत नहीं है। ज़्या...अनहिट और टिप्पणीशून्य लिखने की ज़रूरत नहीं है। ज़्यादातर पोस्ट खुद-ब-खुद इसी श्रेणी में आ जाती हैं। :)Pratik Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/02460951237076464140noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-18436534.post-29661966661077694352007-07-01T11:24:00.000+05:302007-07-01T11:24:00.000+05:30विचार उत्तम हैं। लोग अक्सर स्वत:स्फूर्तटिप्पणी से ...विचार उत्तम हैं। लोग अक्सर स्वत:स्फूर्तटिप्पणी से इललिये भी बचते हैं कि वही टिप्पणी उनका अंतिम स्टैंड मान ली जाती है। फिर ज्ञानी लोग उसको दूसरी टिप्पणियों से तुलना करके बताते हैं इनका तो स्टैंड ही बदलता रहता है। ऐसा ही लेखन के बारे में भी होता होगा। है कि नहीं! :)अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.com