tag:blogger.com,1999:blog-18436534.post7190065120730253761..comments2024-01-10T15:57:22.152+05:30Comments on मसिजीवी: रूप-क्षय से भय मसिजीवीhttp://www.blogger.com/profile/07021246043298418662noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-18436534.post-6254459442125564712014-08-25T23:04:52.102+05:302014-08-25T23:04:52.102+05:30बात तो सही है। जुटाते हैं हिम्मत फिर से शुरू करन...बात तो सही है। जुटाते हैं हिम्मत फिर से शुरू करने की, तब तक सहेजे जाने के लिहाज से यही सही।मसिजीवीhttps://www.blogger.com/profile/07021246043298418662noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-18436534.post-22848479694669886822014-08-24T21:12:42.542+05:302014-08-24T21:12:42.542+05:30फ़ेसबुक वाली कतरनें यहाँ देखकर मन थोड़ा और उदास हो ज...फ़ेसबुक वाली कतरनें यहाँ देखकर मन थोड़ा और उदास हो जाता है, हम एक ही माल दोनों तरफ़ ठेले दे रहे हैं। पता नहीं यह कैसे भावों से भर जाना है, फ़ुरसतिया पर भी इधर पुलहिया पोस्टों से पटी पड़ी हैं। <br /><br />ऐसा क्यों होता है, शायद वक़्त की कमी या उस 'धैर्य' जैसी किसी चीज़ का चुक जाना। थोड़ा ठहरकर यहाँ बैठिए तो.. हम जब इस जगह आए तबसे उस लद्दाख वाली पोस्ट को यादकर रह जाता हूँ। बस। <br /><br />और वो जो 'हिन्द युग्म' वाली किताब की बात थी, उसपर फ़िर कभी..शचीन्द्र आर्यhttps://www.blogger.com/profile/04772878588085381288noreply@blogger.com