tag:blogger.com,1999:blog-18436534.post985949697043684886..comments2024-01-10T15:57:22.152+05:30Comments on मसिजीवी: हिंदी चिट्ठाकारी का अगला युगमसिजीवीhttp://www.blogger.com/profile/07021246043298418662noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-18436534.post-60218855250100976232007-04-07T15:04:00.000+05:302007-04-07T15:04:00.000+05:30हॉं मित्रो, इनमें से कई बातों पर पूर्ण सहमति की गु...हॉं मित्रो, इनमें से कई बातों पर पूर्ण सहमति की गुंजाइश कम है, पर इनसे बेहतर विचारों पर तो सहमति हो सकती है- जो सामने आएंगे ही।<BR/>संजय और ईस्वामी ने जो प्रच्छन्न आपत्ति दर्ज की है उस पर मेरी राय यह है कि बहुत मैं मैं करने से बचना ही हमें तो श्रेयस्कर जान पड़ता है वरना रवीश ने अपनी एक पोस्ट में बताया ही था कि मैंने किया मैने किया- ये हिंदी का सामान्य बकरीवाद है। इससे जितना बचें उतना अच्छा। मैं शायद किसी काम का नहीं, और फिर चिट्ठाकारी ने एक उम्र तय की है अब टेकीज के साथ साथ भाषा वाले भी योगदान देंगें और यह जाहिर है उनसे नए टूल्स विकसित करके नहीं होगा- भाषा से ही होगा जिसे फिकर का जिकर कहा गया। <BR/>हॉं उन्मुक्त Indic IME और मोजेला/फायरफाक्स की आपस में नहीं बनती, रवि जी से भी पहले इस पर चर्चा हुई। आगे से बिना जस्टीफाई किए पोस्ट करूंगामसिजीवीhttps://www.blogger.com/profile/07021246043298418662noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-18436534.post-86833104905169929102007-04-07T12:16:00.000+05:302007-04-07T12:16:00.000+05:30मसजीवी जीमैं लिनेक्स पर काम करता हूं और फायर फॉक्स...मसजीवी जी<BR/>मैं लिनेक्स पर काम करता हूं और फायर फॉक्स में वेब पेज देखता हूं। इसमें आपका यह पेज ठीक प्रकार से नहीं दिखायी पड़ रहा है जिसके कारण मैं इसे नहीं पढ़ पाया। इसकी टिप्पणी ठीक से पढ़ जा रहीं हैं। यह अक्सर इसलिये होता है जब आप justify कर के लिखते हैं। left align करके लिखेंगे तो हम भी इसका आनन्द उठा सकेंगे।उन्मुक्तhttps://www.blogger.com/profile/13491328318886369401noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-18436534.post-82311874882569058962007-04-06T20:55:00.000+05:302007-04-06T20:55:00.000+05:30काम मत कर काम का फ़िकर कर फ़िकर का जिकर कर!काम मत कर <BR/>काम का फ़िकर कर <BR/>फ़िकर का जिकर कर!eSwamihttps://www.blogger.com/profile/04980783743177314217noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-18436534.post-62693575665215546542007-04-06T16:55:00.000+05:302007-04-06T16:55:00.000+05:30हाँ नारद को व्यावसायिक बनाया जाना चाहिये व हिन्दी ...हाँ नारद को व्यावसायिक बनाया जाना चाहिये व हिन्दी ब्लाग का एड किया जाना चाहिये जिससे लोगों को पता चले और वे इस से जुड सकें|विवेक रस्तोगीhttps://www.blogger.com/profile/01077993505906607655noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-18436534.post-58402412560646859322007-04-06T16:00:00.000+05:302007-04-06T16:00:00.000+05:30कमाल की दूरदर्शिता पाई है. शाबासी देता हूँ.अब जिन ...कमाल की दूरदर्शिता पाई है. शाबासी देता हूँ.<BR/><BR/>अब जिन चुनौतियों को आपने देख लिया है, उनसे निपटने के लिए कदम उठाईये. कुछ कर दिखाईये.<BR/>जरूरत पड़ने पर नारद बनाया गया था. तब किसी ने मात्र लेख ही लिख कर की ये जरूरी है वे जरूरी है,नहीं निपटा दिया था. ठोस कार्य कर दिखाया था. आपका भी स्वागत है. आने वाली चुनौती से निपटने के लिए क्या करना है बताएं. हम आपके साथ है. आइये कुछ नया बनाएं, आखिर हम सब का नारद है.संजय बेंगाणीhttps://www.blogger.com/profile/07302297507492945366noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-18436534.post-58373861888964354122007-04-06T15:58:00.000+05:302007-04-06T15:58:00.000+05:30साधु साधु। आपकी छठीं इन्द्री की तारीफ़ करना चाहूंगा...साधु साधु। आपकी छठीं इन्द्री की तारीफ़ करना चाहूंगा।<BR/>बहुत सही बातें उठाई है आपने लेकिन कुछेक बात पर आम सहमति की संभावना मुश्किल लगती है।Sanjeet Tripathihttps://www.blogger.com/profile/18362995980060168287noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-18436534.post-66635679055413032852007-04-06T15:26:00.000+05:302007-04-06T15:26:00.000+05:30बिल्कुल सही बात उठायी आपने ..ये सारे प्रश्न आज नही...बिल्कुल सही बात उठायी आपने ..ये सारे प्रश्न आज नहीं तो कल हमारे सामने होंगे..हमें तो चाहिये कि नये पुराने के वर्गीकरण को छोड़ कर सामुहिक भाव से जुड़ें और अपने आप को भविष्य की आंधियों के लिये तैयार करें ..क्या हम इंडियन क्रिकेट टीम की सीनियर-जुनियर विवाद से कुछ सीख पाएंगे . <BR/><BR/>लेकिन 2 बातों से मैं सहमत नहीं हूं.<BR/><BR/>1. कि नये चिट्ठाकार विवादों का उपयोग अपना ध्यान आकर्षित कराने के लिये करते हैं.<BR/><BR/>2. हमें नारद को व्यवसायिक बनाना चाहिये .Anonymousnoreply@blogger.com