Friday, March 09, 2007

ट्रांसलिटरेशन औजार की परख

ट्रांसलिटरेशन से लिखने की आदत तो नहीं पर इतना शर्तिया कहा जा सकता है यह औजार कई लोगों को हिंदी ओर आकर्षित करने में समर्थ है। यह पोस्ट केवल इस औजार को टेस्ट करने के लिए लिखी गयी है। केवल ऐडिटिंग में दिक्‍कत हो रही है पर खुद शब्‍द सुझा सकने की इसकी बुद्धि आमतौर पर सही ही है। अच्‍छा दिन है। तो अब हिंदी में न लिखने का एक और बहाना कम हुआ लोगों का।
इसे टेस्‍ट पोस्‍ट भर माना जाए।

3 comments:

  1. ठीक है जी केवल टैस्ट पोस्ट मान लिया है। :)

    अब ये तो बताइए कि ट्रांसलिटरेशन से नहीं लिखते तो रेमिंगटन बिरादरी वाले हो या इनस्क्रिप्ट वाले ?

    बाकी इस बात से सहमत हूँ, "हिंदी में न लिखने का एक और बहाना कम हुआ लोगों का।"

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  2. अरे पंडितजी पिछली पोस्‍ट में ही तो बताया, रेमिंगटन गोत्र के हैं और अभी चंद्रबिंदु की समस्‍या पूरी तरह सुलझा नहीं पाए हैं। पर रेमिंगटन में लिखने की इतनी आदत हो गई है कि नहीं लगता कि छूटेगी

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  3. किसी भी बहाने लिखते रहें, चाहे टेस्ट पोस्ट ही क्यों न हो. :)

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