अनूपजी का निमंत्रण मिला और हमने बोरिया बिस्तर बांधा और जा रहे हैं कम्पू शहर। हमारे साथ दिल्ली के तमाम चिट्ठाकारों की शुभाकांक्षाओं की पोटली है अनूपजी के लिए। वहाँ हमें मिलेंगे अनूपजी (लेकिन वे उतनी फुरसत में होंगे नहीं) और विश्वास है
राजीवजी व
आशीष से भी मिलना हो पाऐगा। इस तरह 8 मई को कंपू शहर में हिंदी ब्लॉगर मीट का मुहुर्त बनता है। हम इस शहर में पूरे पच्चीस सालों के बाद जा रहे हैं पर इस
फुरसतिया आख्यान को फिर से पढ लिया है। जो चिट्ठाकार मित्र कानपुर में हैं वे संपर्क कर सकते हैं मुझे मिलकर प्रसन्न्ता होगी। तो कंपू शहर हम आ रहे हैं...
हमारी शुभकामनाएं लेते जाईये.
ReplyDeleteशुभयात्रा.
एसन तो भैया हमहू कनपुरिया हैँ ,पन जरा पहले से पता लग जाता तो शायद हम्हू हुइ आते अपने पुराने शहर.
ReplyDeleteझाड़े रहो कलेक्टरगंज्.
अब तो बस शुभकामनायेँ ही दय सकत हैँ.
अरविन्द चतुर्वेदी
http://bhaarateeyam.blogspot.com
हमारी भी शुभकामनायें पहुँचा दिजियेगा.
ReplyDeleteऔर हाँ ब्लॉगर मीट में मिलने वाले साथियों को उड़न तश्तरी का सलाम.
ReplyDeleteहमरी भी शुभकामनाएं हैं
ReplyDeleteअउर सबन को हमरा दुआ सलाम कहियेगा
अरे भैया हमरा भी सलाम ले जाइये .. कम्पू शहर हमरा भी शहर रहा है .. उ चुन्नीगंज की चाय और आर्य नगर की बिरियानी हम ना भूली . और उ हमरा घंटघर है ना ..उ को भी सलाम बोलियो.
ReplyDeleteहमारी भी शुभ कामनायें
ReplyDeleteतो भाई लोगन हम सबकी शुभकामनाओं की पोटली अनूपजी को दे आए हैं और एक पोटली मिठाई आपके नाम की ले आए हैं, बाल गोपाल सब खा चुके हैं।
ReplyDeleteब्लॉगर मेल पर लिखेंगे अगली बार