Sunday, May 20, 2007

बंदिनी बस्‍पा और मोहक किन्‍नर कैलाश: एक स्‍लाइड शो

लीजिए हम भी वापस आ गए हैं। सप्‍ताह भर किन्‍नौर में रहे। विवरण और अनुभव साझी किए जाएंगे पर फिल‍हाल तो रविजी और जितेंद्र के बताए तरीके से चंद तस्‍वीरें दिखा रहे हैं। आनंद लीजिए। हम तो अभी आनलाईन हुए हैं जरा झांक लें कि पिछले सप्‍ताह यहॉं क्‍या क्‍या घटा।


14 comments:

  1. सुन्दर प्रयास है बधाई।

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  2. बढ़िया फोटो. थोड़ा डिटेल्स भी दिये जाते. आपने स्लाईड शो में जो भी लिखा है वो दिख नहीं पा रहा है. शायद शो यूनिकोड स्पोर्ट न करता हो.

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  3. समीर भाई पता नहीं ई कैसे हो रहा है क्‍योंकि हमें तो अपने ब्राउजर पर साफ देवनागरी में दिख रहा है।
    :
    :
    पंडित लोग कुछ बताएं।

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  4. तो आप भी घूम ही आये..फोटो अच्छे हैं..वर्णन की प्रतीक्षा है.

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  5. अच्छे फोटो है,
    मजा आ गया, यात्रा विवरण के लिए अलग से लिखो।

    @उडनतश्तरी : सर जी, हमे तो हिन्दी मे दिख रहा है, आप कौन से आपरेटिंग सिस्टम और ब्राउजर का प्रयोग कर रहे है, वर्जन सहित बताइए।

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  6. Anonymous10:01 PM

    मनमोहक तस्वीरें। बढ़िया प्रयास।

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  7. आई ई ६.० और एक्स पी प्रोफेशनल....फायर फॉक्स मे भी ट्राई कर लिया, नहीं दिखता. सिर्फ स्कायर दिखते हैं. उसे कट-पेस्ट करके वर्ड पैड में ले जाते हैं तो दिख जाता है. लेकिन कब तब करुँ?? :)

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  8. शुक्रिया घर बैठे बैठे ही हमें घुमा देने के लिए!

    अपन को स्लाईड शो में दिखाई दे रही है हिंदी।

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  9. जनाब, इन तस्वीरों को पेश परने का शुक्रिया। आवाम की बेहद माँग पर सफ़रनामा भी लिखने की की अर्ज़ी मंज़ूर की जाये! नज़ारे तो दिलकश हैं।

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  10. वाह ! आप तो पहाड़ घूम भी आए । बहुत सुन्दर चित्र हैं । मैं भी पढ़ नहीं पा रही ।
    अब वृतांत लिखिये ।
    घुघूती बासूती

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  11. बहुत सुन्दर फोटो है । यात्रा विवरण का इंतजार रहेगा।

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  12. बढ़िया फोटो हैं। कुछ लिखत-पढ़त की जाये!

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  13. फोटुएं अच्‍छी हैं भैया किंतु कुछ कथा कहानी भी सुना दें अपनी यात्रा की तो मजा आ जाए

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  14. घर बैठे ही पहाड़ों की सैर हो गई. अगले स्लाइड शो की बेसब्री से प्रतीक्षा है :)

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