अपनी विश्वविद्यालयी दुनिया के विषय में मेरे कितने 'उदार' विचार हैं ये आपको पहले से मालूम हैं किंतु इसके बावजूद कई बार शुद्धत: लिपिकीय वजहों से ही सही वहॉं कुछ ढंग के भी काम हो जाते है। मसलन पिछले साल एक अच्छा सा बी.ए. प्रोग्राम का नया कोर्स शुरू किया गया। कोर्स नया था मास्टर पुराने इसलिए सध नहीं पा रहा था। हिंदी में पाठ्यसामग्री उपलब्ध कराने की मांग आई परिणामत: विश्वविद्यालय ने अनुवाद करवाकर सामग्री तैयार कर अपनी साईट पर उपलब्ध करा दी है। इस तरह काफी मात्रा में सामग्री जिसमें से कुछ पठनीय भी है उपलब्ध हो गई है। लीजिए हाजिर है सूची तथा लिंक। ( सामग्री pdf में है)
1. साझी दुनिया में न्यायपूर्ण साझेदारी- अमर्त्य सेन
2.विकासशील देशों में कृषि भूमंडलीकरण- जे मोहन राव तथा सर्वास स्ट्राम
3.भूमंडलीकरण और अंतर्राष्ट्रीय वित्त की राजनीति - कौशिक बासु
4. शक्ति और वैश्वीकरण पर विचार - नोम चोमस्की
5. विकासशील देशों में कृषि भूमंडलीकरण : नियम, तर्काधार और परिणाम जे मोहन राव व सर्वास स्ट्राम
और भी कुछ विषयों पर विशेषकर हिंदी भाषा, साहित्य, संस्कृति पर भी सामग्री उपलब्ध है। जिसके लिंक विषय अलग हाने के कारण अलग से उपलब्ध कराए जाएंगे।
लिंक उपलब्ध कराने का शुक्रिया.
ReplyDeleteभला काम किया गया..
ReplyDeleteधन्यवाद अच्छा लिंक देने के लिये .
ReplyDeleteइस जगह पर एक किताब और उपलब्ध है
बहुराष्ट्रीय कंपनियां , वैश्विक पूंजी तथा तृतीय विश्व : रे केयली
लिंक ये है .
http://du.ac.in/course/material/ug/ba/global/05.pdf
कुछ और किताबें यहाँ उपलब्ध है . मुझे कुछ अपने काम की किताबें मिल गयी.
http://eprints.du.ac.in
धन्यवाद अच्छा लिंक देने के लिये .
ReplyDeleteइस जगह पर एक किताब और उपलब्ध है
बहुराष्ट्रीय कंपनियां , वैश्विक पूंजी तथा तृतीय विश्व : रे केयली
लिंक ये है .
http://du.ac.in/course/material/ug/ba/global/05.pdf
कुछ और किताबें यहाँ उपलब्ध है . मुझे कुछ अपने काम की किताबें मिल गयी.
http://eprints.du.ac.in
आपका धन्यवाद!
ReplyDeleteअच्छा है ! कुछ कम का सामान मिल गया ।
ReplyDeleteबहुत बहुत शुक्रिया
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