हे मेरी छद्म आत्मा, मैंने जिस संस्थान से शिक्षण प्रशिक्षण्ा पाया है (CIE) उसके प्रवेशद्वार पर ही लिखा है कि जिसने अपना बचपन खो दिया वह शिक्षण जैसे कार्य के लिए उपयुक्त नहीं- इसलिए भई अपन तो इस पॉंचवी-चौथी की चीजों में आनंद लेते ही हैं- बाकी जैसी आपकी इच्छा।
ये आप के अनुरूप नही,छोटे बालको वाले काम है पाचवी क्लास के,कहा आप हिन्दी नामी गिरामी के रीडर,
ReplyDeleteअच्छा नही लगा
अरे यही तो आप हैं ... मसीजीवी जी ..... खुद को ही भूल गए क्या ... वीडियो शानदार था
ReplyDeleteहे मेरी छद्म आत्मा, मैंने जिस संस्थान से शिक्षण प्रशिक्षण्ा पाया है (CIE) उसके प्रवेशद्वार पर ही लिखा है कि जिसने अपना बचपन खो दिया वह शिक्षण जैसे कार्य के लिए उपयुक्त नहीं- इसलिए भई अपन तो इस पॉंचवी-चौथी की चीजों में आनंद लेते ही हैं- बाकी जैसी आपकी इच्छा।
ReplyDeleteमज़ेदार
ReplyDeleteअनेक साथियों को फार्वड कर दिया गया. धन्यवाद