Saturday, July 11, 2009

38 लाख हिन्‍दी पृष्‍ठ इंटरनेट पर

 

हाल में मेरे हाथ एक खजाना लगा है जिसे मैं आपसे साझा करना चाहता हूँ। चौदह हजार एक सौ बाइस पुस्‍तकों के अड़तीस लाख छत्‍तीस हजार पॉंच सौ बत्‍तीस पृष्‍ठ..... हिन्‍दी के पृष्‍ठ । बेशक ये एक खजाना है जो हम सभी को उपलब्‍ध है एकदम मुफ्त। बस क्लिक भर की दूरी पर। और ये किताबें सब कूड़ा नहीं है वरन खूब काम की दर्लभ किताबें तक इसमें शामिल हैं मसलन 1935 की श्री गणेश प्रसाद द्विवेदी की इस किताब को देखें-

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या चोखेरबालियों को उमंग से भर देने के लिए 1921 की इस किताब को देखें-image

पुरानी किताबों में से फिलहाल मुझे 'टू ईयर्स बिफोर द मास्‍ट' का हिंदी अनुवाद काफी रुचिकर लग रही है, पुस्‍तक 1840 की है पर अनुवाद कब का हे ये पता नहीं चल पा रहा

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केवल पुरानी ही नही नई पुस्‍तकें भी यहॉं उपलब्‍ध है मसलन हिन्‍दी में पहली कक्षा की गणित की इस पाठ्यपुस्‍तक को देखें

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ये सब ओर भी बहुत सी किताबें मुझे मिली हैं भारतीय डिजीटल पुस्‍तकालय पर। भारत तथा विदेश के बहुत से सहयोगियों के साथ चल रहे इस कार्यक्रम के विषय में आप इनकी वेबसाइट से जान ही सकते हैं। किताबें पूरी मूल रूप में उपलब्‍ध हैं तथा TIFF फार्मेट में हैं। आल्‍टरनेटिफ नाम का रीडर वहॉं डाउनलोड के लिए उपलष्‍ण है तथा एक्‍सप्‍लोरर में अच्‍छा काम करता है पर क्रोम पर नहीं चलता । फिर देर किस बात की है जाएं देखें हो सकता है जो किताब आप बरसो से खोज रहे थे पर मिल नही पा रही थी, हो सकता है यहॉं उपलब्‍ध हो फोकट में।