कुछ नया सोचा ?- एकाध साल पहले तक ये मेरा प्रिय जुमला था किन्तु इधर जैसे जैसे नया सोचना कम होता गया मेरी शब्दावली से भी यह लुप्त सा हो गया। आज अचानक फिर याद आ गया। बस फिर क्या था आव देखा न ताव जो जो याद आया उसी पर उछाल दिया बरास्ता SMS । कुछ के उत्तर भी मिले हैं। देखते हैं शायद जो बात शब्दावली में लौटी है, मुमकिन है व्यवहार में भी लौटे। आमीन।।
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