ईमेल को सार्वजनिक न करने को लेकर एक आचार संहिता सी बन गई है पर फेसबुक/आर्कुट/टि्वटर/बज़्ज जैसे स्पेस कहीं कम निजी हैं तथा उन्हें शेयर करने के मामले में अभी एंबीग्युटी (अस्पष्टता) है इसका लाभ उठाते हुए अपने बज़्ज एंकाउंट से विनीत के सर्दी जुकाम का 2.0 संस्करण आपके सामने पेश कर रहा हूँ-
मामला सिर्फ इतना है कि विनीत ने 3:55 PM पर बज़्ज (पब्लिक) किया -
3:55 pm vineet kumar - Buzz - Public -
तमाम कोशिशों के बावजूद भी आखिर आ ही गया- सर्दी,खांसी और बुखार की चपेट में।..रियली,बहुत गंदा फील कर रहा हूं।
इस पर जो बज़्ज-पंचायत हुई उसे जस का तस पेश कर रहे हैं..अंतिम बज़्ज पोस्ट किए जाने के वक्त था...उसके बाद के अपडेट इसमें शामिल नहीं हैं- कैसे वेब 2.0 सीधे सादे जुकाम को पहले डीकंटेक्स्चुअलाइज कर और फिर शरारती तरीके से रीकंटेस्चुअलाइज कर बैठता है इसे देखें- जबरिया दिशा देने वाले जो पद हमें दिखे उन्हें हमने बोल्ड व रंगीन कर दिया है बाकी कोनो छेड़छाड़ नहीं की है-
dilip mandal - सलाह- गर्म पानी से गरारे यानी गार्गलिंग करें, एक गिलास पानी में एक चम्मच के थोड़ा कम नमक डालें- दिन में कम से कम चार बार।
एक बर्तन में पानी उबालें और भाप लें। कंबल ओढ़ कर भाप लेना अच्छा होता है, दिन में तीन बार। जितना हो सके कफ को बाहर निकालें।
खूब फल खाएं खासकर इस मौसम में संतरा। नींद पूरी लें। खूब पानी पीएं। जुकाम के प्रभाव को कम करने के लिए दिन में एक सिट्रिजीन की गोली लें। एक ही।
धूल धुएं से जितना बच सकें, उतना बचें।4:28 pm
ajay brahmatmaj - अपना तो एक ही इलाज है दिन में खौलता गर्म पानी और शाम में वह कोई रंग ले ले तो जुकाम की बला।4:39 pm
ajit anjum - तुम जवानी में बीमार बहुत पड़ने लगो हो . मुझे तो कुछ गड़बड़ लग रहा है . दिलीप मंडल की सलाह मानकर भी कुछ नहीं होगा ....9:00 pm
Manisha Pandey - अजीत जी ठीक कह रहे हैं। इलाज कुछ और ही है दोस्त। देखो कोई रूपसी हो आसपास।9:43 pm
Prashant Priyadarshi - बाप रे.. एक सर्दी पर इत्ता बवाल? सर्दी जुकाम तो हमें भी है, हमें तो कोई सलाह नहीं देता!! :)10:02 pm
मसिजीवी blog - नहीं मनीषा की बात पर कान न देना.... two wrongs dont make a right :)Edit10:10 pm
vineet kumar - मनीषा की दिली तमन्ना है कि मेरे नाक से पानी निकलने के बजाय आंखों से आंसू चूने लग जाए। जो कि मैं उसके कहे पर कभी नहीं होने दूंगा। बाकी अजीतजी ने जो सलाह दी है तो साल छ महीने बाद उन्हीं पर ये जिम्मेदारी डालने जा रहा हूं। दिलीपजी की बतायी बातों को सीरियसली ले रहा हूं और अजयजी के सुझावों का असर इतना अधिक है कि जब भी गरम पानी पीता हूं उनका ख्याल आता है।..10:30 pm
vineet kumar - अनुभव नहीं है इस मामले में सर। आप कह रहे हैं तो मान ले रहा हूं। एकाध बार कोशिश की थी लेकिन इन्टर्नशिप की आपाधापी में मामला गड़बड़ा गया और प्रोड्यूसर ने इतनी शिफ्ट बदली कि कुछ ठोस होने नहीं दिया। एक पोस्ट भी लिखी है।..अब इस बुढ़ापे में क्या कोशिश करुं।..10:38 pm
ajit anjum - विनीत , दिलीप मंडल और अजय जी , मसिजीवी जैसे बुद्धिजीवियों की बातों पर बिल्कुल ध्यान मत देना . ये सब बाबा आदम के जमाने के टोटके बता कर तुम्हारी सेहत ठीक करना चाहते हैं . बीमारी की जड़ पर नहीं जा रहे हैं . तुम मनीषा जी की सलाह पर चलो . तबियत ऐसी हरी होगी कि पुदीन हरा भी बेकार हो जाएगा . इस उम्र में इस किस्म की बीमारी ठीक नहीं . फेसबुक पर भी तुम बुद्धिजीवियो के चक्कर में रहते हो . काम भी उसी तरह का करते हो . सोच -विचार भी बौद्धिक है . इस लबादे से बाहर झांको . बीमारी का दवा कहीं न कहीं जरूर मिलेगी10:50 pm
मसिजीवी- अजीतजी भरमा रहे हैं रहे हैं विनीत सावधान... गरम पानी, रंगीन पेय से चिकित्सा या स्त्री- पदार्थ दोनों में से कौन सा ज्यादा पुराना (बाबा आदम के जमाने के टोटके ..) है खुद ही सोचो :)11:00 pm
vineet kumar - आपलोग जो मेरी बीमारी पर इतनी पंचैती कर रहे हैं। बीमारी की जड़ है कि मेरी जब भी तबीयत खराब होती है..मेस का खाना ताकने का मन नहीं करता और लगभग दिनभर भूखा रह जाता हूं। आपलोग घर-गृहस्थीवाले लोग है। घर का खाना खिलाइए कि देखिए तबीयत कैसी हरी हो जाती है।..11:03 pm