Wednesday, January 18, 2006

रिवर के स्‍टैटकाउंटर और अरुंधति का पुरस्‍कार त्‍याग

अरुधंति राय अंग्रेजी में लिखती हैं और ">रिवर अंग्रेजी पढ़ाती हैं। अरुंधति को या रिवर से पढ़ने का (सु)अवसर मुझे प्राप्‍त नहीं हुआ है। इसलिए आगे की बात पर हावी हैं मेरे पूर्वग्रह और बस पूर्वग्रह। ">लाल्‍टू भरपूर अटैन्‍शन मुद्रा में अरुंधति को सलाम दर सलामू (डेढ़ क्रूर दशक उडनछू न हो गए होते तो 'लाल' विशेषण भी इस्‍तेमाल हो सकता था) हाजिर कर रहे हैं क्‍योंकि साहित्‍य अकादमी पुरस्‍कार उन्‍होंने लौटा दिया है। ऐसा उन्‍होंने क्‍यों किया है - लाल्‍टू समझाते हैं कि अरुंधति ने सरकार की जनविरोधी नीतियों के चलते एक ऐसी संस्‍था से पुरस्‍कार न लेना तय किया है जो ऐसी सरकार से पैसा लेती है। उल्‍लेखनीय है कि साहित्‍य अकादमी यूँ तो स्‍वायत्‍त संस्‍‍था है पर धन वह भारत सरकार के संस्‍कृति मंत्रालय से ही लेती है। तो मैया अरुंधति पैर लागन। और हमें देखो अब तक हम इन ससुरे हिंदी के टुच्‍चे लेखकों के गुण गाते रहे जिन्‍होंने इसी रक्‍त पिपासु अकादमी से पुरस्‍कार लिए और लिए ही नहीं कभी कभी तो छीने-झपटे-जुगाड़े। पर भैया लाल्‍टू इह तो समझाओ तनिक न तो बिटिया से पूछ कर ही बता दो कि इह बूकरवा जब लिए रहिन तब यह विवेक बूकर के पाउण्‍ड्स का बोझ सहन नहीं कर पाया था या फिर ">बूकर लिमिटेड और उनके मालिक ">वॉगर समूह के अरबों पाउण्‍ड्स के टर्न ओवर ने मुँह बंद कर दिया था। खैर छोड़ो माना व‍ह समूह बहुत बड़ा है पर जनविरोधी नहीं ही होगा। अब लाल्‍टू भैया कह रहे हैं तो मान लेते हैं- लाल सलाम


दूसरा उद्वेलन रहा ">रिवर की कविता स्‍टैटकाउंटर सॉनेट जो ब्‍लॉग पर स्‍टैटकाउंटर होने के अनुभव को लिपीबद्ध करती है। निजता अंग्रेजी(दा) चिंतन के लिए सदैव अहम रही है, मैं भी जी मेल व गूगल अर्थ के प्रभाव पर अपने लिखे मैं अपनी बात कह चुका हूँ पर अनुभव के स्‍तर वह ग्‍लानि अनकही ही रह गई है जिससे मैं तब तब गुजरा हूँ जब मैने अचानक पाया है कि दरअसल मेरा व्‍यवहार दूसरे की निजता में हस्‍तक्षेप था या सीधे सीधे जासूसी था। मैं घोषित करता हूँ कि मेरे ब्‍लॉग पर स्‍टैटकाउंटर (या कोई अन्‍य काउंटर) नही है या कहूँ कि इस पोस्‍ट के प्रकाशन तक नहीं थे।

Saturday, January 14, 2006

धूम्रशिखा के रत्‍न


jewel in the smoke
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इन गणितिय रत्‍नों से पाला पड़ा तो आपके लिए भी हाजिर हैं। बिल्‍कुल मुफ्त होम डिलीवरी।

Wednesday, January 11, 2006

वे इसे फीनिक्‍स कहते हैं


वे इसे फीनिक्‍स कहते हैं
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फ्रैक्‍टल एक्‍सप्‍लोरर में इस समीकरण का नाम फीनिक्‍स था। थोड़ी कारीगरी मैनें एक अन्‍य फ्रैक्‍टल को इसकी पृष्‍ठभूमि बनाकर करने की कोशिश की है।

दरका दर्पण धूम्र संसार


darka darpan
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