Monday, January 28, 2008

एक ब्लॉग मंच्‍यूरियन काउंटर के दूसरी ओर

'एक हक्‍का नूडल्‍स प्लीज़'

पर्स से सौ का नोट निकालते हुए मैंने कहा। कल ही की बात है, पड़ोस के मैट्रोवॉक नाम के मॉल में शाम को गए थे। बच्‍चों की इच्‍छा नूडल्‍‍स खाने की थी। पैन्‍टालून समूह के इस फास्‍टफूड सेल्‍फ सर्विस रेस्‍त्रां में कभी कभी जान होता है।

'ओह सर आप' मुस्‍कराकर और चौंकते हुए काउंटर आपरेट करते युवक ने कहा। मैंने देखा...ओह। ये सो... था। मेरा विद्यार्थी...नहीं भूतपूर्व नहीं बाकायदा वर्तमान का विद्यार्थी। उसने सम्‍मान से मेरा आर्डर लिया...मेरे न न पर भी करते हुए भी डिस्‍‍काउंट भी किया और जब मुझे मेरी ट्रे सर्व की तो उसमें शीतल पेय के दो गिलास अतिरिकत थे जो आर्डर में नहीं थे। मैं अपने छात्र को ज्‍यादा शर्मिंदगी में नहीं डालना चाहता था इसलिए ज्‍यादा  नुकुर नहीं की।

काउंटर के टचस्‍क्रीन टर्मिनल पर मेरा हिसाब बनाते हुए जो केवल नूडल्स से बढ़ाकर मेंने पूरे डिनर का कर दिया था, hakka अपने उस विद्यार्थी में मुझे एक खास बात दिखी उसका चेहरा आत्‍मविश्‍वास से दमक रहा था। और उसकी कमीज पर लगी नेमप्‍लेट पर नाम था..'अविनाश'। 'ये क्‍या सो... तुमने ये किसके नाम की नेमप्‍लेट लगा रखी है' उसने मेरी ओर देखा और थोड़ा हड़बड़ाते हुए सा कहा 'सर वो नाम हम लोग बदल लेते हैं..' 

अब इधर ये अक्सर होना लगा है जब कॉलेज में पढ़ने वाले बच्‍चे जेबखर्च के लिए या कैरियर के लिए काम धंधा शुरू कर दें। ये काई जरूरी नहीं कि पहले कि तरह ट्यूशन पढ़ाने का काम हो, वरन कई बार तो ये एक मुकम्मल कैरियर मूव होती है। यूँ भी पढ़ाई से किसी रोजगार का भरोसा  तो मिलता नहीं। 

अपने 'सर' यानि हमारे लिए सो.. ने खाना अच्‍छा उपलब्‍ध कराया था। चमचमाते काउंटर ने और रेस्‍त्रां के 'अपमार्केट' होने ने 'वेटर' जैसा होने से यदि कोई शर्मिंदगी उपजती हो तो उसे मिटा दिया था। और हॉं ठीक वैसे, जैसे कि हम जैसे कई ब्‍लॉगर करते हैं उसने अपनी कॉलेज/घर की पहचान को कामकाज की पहचान में घालमेल करने से बचने के लिए किसी और नाम का बैज भी धारण कर लिया था।  स्मार्ट वैरी स्मार्ट..।

 

4 comments:

काकेश said...

आप उसको ब्लॉगिंग सिखा ही देते कम से कम एक और अविनाश तो ब्लॉगिंग में आता :-)

Sanjeet Tripathi said...

सर जी, ऐसे विद्यार्थी मुझे शुरु से ही अच्छे लगते आए हैं जो छात्र जीवन में अपना खर्च खुद निकालने का प्रयास करें।
सो आपके इस छात्र के लिए हमारी शुभकामनाएं

Sagar Chand Nahar said...

हरेक छात्र को अविनाश का अनुसरण करना ही चाहिये। अविनाश का फोटो भी पोस्ट में लग जाता तो बढ़िया रहता।

मैथिली गुप्त said...

"और हॉं ठीक वैसे, जैसे कि हम जैसे कई ब्‍लॉगर करते हैं उसने अपनी कॉलेज/घर की पहचान को कामकाज की पहचान में घालमेल करने से बचने के लिए किसी और नाम का बैज भी धारण कर लिया था। "

जबर्दस्त