Wednesday, May 07, 2008

हिन्‍दी में लिखें अंग्रेजी से पाठक लाएं- दोनों हाथों में लड्डू

हाल के दिनों में कई शानदार चीजें हो रही हैं।  सबसे महत्‍वपूर्ण तो लगा गूगल द्वारा हिन्‍दी से अंग्रेजी अनुवाद की सुविधा दिया जाना। जैसा कि आलोक ने बताया और हमने भी जॉचा कि अनुवाद मशीनी है और जाहिर है मशीनी जैसा ही है- उससे कविताओं के अनुवाद कर पाने की उम्‍मीद करना बेमानी है पर साधारण वाक्‍यों को ठीक ठाक अनूदित कर लेता है। ध्‍यान रहे कि हमारी सरकार भी सालों से माथापच्‍ची कर ही रही थी कि कम से कम सरकारी पत्रों के अनुवाद का औजार विकसित कर सके- किया भी पर कभी जनसाधारण में लोकप्रिय नही बनाया जा सका।

भाषायी अंतरण इंटरनेट के लिहाज से बहुत ही अहम बात है। खासकर भारत जैसे देश में जहॉं पूरा शिक्षित वर्ग कम से कम दो भाषाओं का जानकार है। अगर चिट्ठाकारी के लिहाज से देखें तो हम पाते हैं हिन्‍दी की चिट्ठाकारी की सीमा अब तक ये रही है कि एक निश्चित समुदाय है- पाठक, लेखक आदि सभी स्‍टेकहोल्‍डर इसी बंद समुदाय से हैं- हमारे पास आवारा पाठक नहीं हैं। मतलब ऐसे लोग जो बस घूमने के लिए इंटरनेट पर निकले... और वाह ये तो बड़ा अच्‍छा चिट्ठा है पढ़ा जाए। ऐसा अंग्रेजी के साथ होता है। और ऐसा भी नहीं है कि हिन्‍दी की सामग्री को खोजते लोग नहीं है- बस सर्च, कंटेंट, अंतरण के बीच समन्‍वय नहीं रहा है। एक जायजा लेने के लिए  देखें गूगलएनालिटिक्‍स में हमारे पिछले 11000 से कुछ अधिक विजिट (20 दिन में) के स्रोत क्‍या हैं-

ScreenHunter_01 May. 07 09.39

'हमारे' का मतलब यहॉं हिन्‍दी ब्‍लॉग रिपोर्टर है। इसकी अधिकांश सामग्री अलग अलग हिदी ब्‍लॉगों की सामग्री की संक्षिप्‍त समीक्षा ही होती है। यानि ब्रिज ब्‍लॉगिंग। इस अनुभव के बाद (जिसमें कमाई का अनुभव  भी शामिल है, हमारा पहला एडसेंस चेक रास्‍ते में है)  हमारा मानना है कि सर्च आकर्षित करने के लिए अपनी भाषा को खिचड़ी बनाने (और भाषा के साथ सांस्‍कृतिक बलात्‍कार करने से) कहीं अच्‍छा है कि अंग्रेजी की सर्च को किसी अन्‍य ब्रिज ब्‍लॉग पर आकर्षि‍त किया जाए तथा वहॉं से ट्रेफिक को अपने ब्‍लॉग पर भेजा जाए। अपने तईं हम ये काम हिन्‍दी ब्‍लॉग रिपोर्टर से कर ही रहे हैं। चूंकि भले ही ब्‍लॉग रिपोर्टर हिन्‍दी पर ही आधारित है पर चूंकि अंग्रेजी में  है इसलिए ब्‍लॉगवाणी या अन्‍य एग्रीगेटरों पर दिखाई नहीं देता है, आप इच्‍छुक हो तों उसकी फीड यहॉं सब्‍सक्राइब कर सकते हैं अथवा अपना ईमेल पता नीचे लिखें

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यदि आपने अभी कोई दमदार पोस्‍ट लिखी है तो आप एग्रीगेटरों के माध्‍यम से सैकड़ों पाठकों तक तो पहुँचेंगे ही पर वे तो बंधुआ पाठक हैं वही हिन्‍दी की गली वाले। नए पाठकों तक पहुँचने का एक रास्‍ता हम बताते हैं। इस नई पोस्‍ट का 200 शब्‍दों में अंगेजी में एक परिचय लिखें इसमें अपनी पोस्‍ट का लिंक भी दें और shabdashilp <dot> contribute <dot> blogger <dot> com पर ईमेल कर दें। आपकी पोस्ट हिन्‍दी ब्‍लॉग रिपोर्टर पर आएगी और हिन्‍दी पोस्‍ट का अंग्रेजी विज्ञापन सैकड़ों नए पाठकों तक पहुँच जाएगा और सर्च इंजिनों तक भी। यदि इस चिट्ठे के पेजरेंक को लेकर कोई भ्रम है तो कृपया इस पोस्‍ट को देखें। जब सारी दुंनिया blog by Amitabh खोज/लिख रही हो तो सर्च में पहले नंबर पर आना हंसी खेल नहीं है। तो देर किस बात की है- हिन्‍दी में लिखें अंग्रेजी से पाठक लाएं- दोनों हाथों में लड्डू।

7 comments:

Anonymous said...

shabdashilp dot contribute dot blogger dot com

इस ई-मेल पते में कुछ गलती है!

Rachna Singh said...
This comment has been removed by the author.
Rachna Singh said...

अच्छा लगा मसिजीवी की आप को ब्लोग्गिंग मे इंग्लिश का महत्व समझ आगया । एक साल पहले तक आप को इस बात से सख्त एतराज था । सब vision का फरक हैं । ये कोई अचरज नहीं हैं की अमिताभ के ऊपर आप के लिखे ब्लॉग ने टॉप सर्च पाई । आप कभी भी my own space my freedom डाल कर देखे , टॉप सर्च मेरे इंग्लिश ब्लॉग को ही इंगित करेगी । शब्दों का सही चुनाव , सम्सामिक शब्द और पोस्ट किसी भी ब्लॉग को ऊपर ला सकते हैं सर्च मे । और इंग्लिश के शब्दों से सर्च अभी भी ज्यादा हैं । अच्छा लगा की आप भाषा से ऊपर उठ कर ब्लोगिंग करने के महत्व को जान चुके हैं ।

मसिजीवी said...

@anonymous जी नहीं ईमेल पते में जानबूझकर (.) के स्थान पर dot लिखा है स्पैम से बचाव के लिए। कृपया तदनुसार बदलाव करें।
@ रचना ।। आप समझने के लिए स्‍वतंत्र हैं- वैसे ये अंगेजी ब्‍लॉग उस प्रकरण से पहले का ही है तथा किसी भी तरह 'अंग्रेजी वालो' का नहीं है जिन्‍हें सलाह देने की गुजारिश आपसे की गई थी। खैर आपने पोस्‍ट पर ध्‍यान दिया शुक्रिया- आप अंगेजी में अच्‍छा लिखती हैं अत: अपनी व नारी की पोस्‍टों के अंग्रेजी प्रचार के लिए ब्‍लॉग रिपोर्टर का उपयोग करने के लिए आपका सवागत है।

रवि रतलामी said...

हमारा पहला एडसेंस चेक रास्‍ते में है

बधाई. ठग्गू के लड्डू ड्यू रहे. :)

यकीनन अब हिन्दी के दिन तेजी से बहुरेंगे.

Udan Tashtari said...

सही है जी!!

कुछ उम्मीदें बनती दिख रही हैं, शुभकामनाऐं.

महेन said...

आपका सुझाव कमाल का है… लगता है ब्लॉगिंग में पी एच डी किये हैं। लीपि का अंतर न होता तो संभवत: हमे ये मगजमारी नहीं करनी पड़ती… अंग्रेज़ी में कुछ भी ढूँढें तो तकरीबन सारी योरोपियन भाषाओं में परिणाम सामने आ जाते हैं… आशा है लोग इस सुझाव को अपनाएंगे।