अभी कुछ नई जानकारी के लिए अपने विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर झांका तो ये पाया
मतलब विश्वविद्यालय की भारी भरकम साइट गायब है उसकी जगह एक नवेली हल्की फुल्की किसी एडवाइजरी समिति की साइट ने हथिया रखी है जिसका विश्वविद्यालय से कोई संबंध नहीं है।
वैसे लगता नहीं कि ये हेकिंग का मामला है क्योंकि जो साइट आ रही है वो भी एक सरकारी साइट है जिसका पता बाकायदा इलैक्ट्रानिक निकेतन का है। यानि ज्यादा संभावना ये है कि बाबूगिरी वाले तरीके से नई तकनीक से खेलने का परिणाम है। उम्मीद है हमारा खोया विश्वविद्यालय ज्ल्द ही मिल जाएगा। :))
6 comments:
Aisa nahee hai, aapka vishwavidyalay to net par maujood hai, abhi abhi dekha.
प्रवीणजी अभी शाम 6:33 बजे तक तो इसी CAG के ही दर्शन http://www.du.ac.in/ पर हो रहे हैं। वैसे उम्मीद है जल्द ही ठीक हो जाएगा।
हम तो आपके खोने से चिंतित थे:)
अब तो ठीक हो गया लगता है !!
शुभकामनाएँ तो दे ही दें जल्द मिलने के लिए.
...और लीजिए साईट वापस आ गई है। :)
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