Monday, September 29, 2008

यौन-व्यापार का यह अध्‍याय

यह आकर्षक विजिटिंग कार्ड पड़ोस के मॉल की पार्किंग में इस तरह छोड़ा गया था कि इस पर नजर पड़े। आकर्षक हैंडमेड पेपर पर छपे इस विजिटिंग कार्ड पर कोई पता नहीं था पर फोन नंबर था जिसे मैंने हटा दिया है।

playboy

हमें लगता था कि ये फाइव स्‍टार संस्‍कृति की चीजें हैं पर छनते छनते ये अब मध्‍यवर्गीय जगहों तक पहुँच गई लगती हैं।

 

12 comments:

PD said...

सर, हम तो इन जिगेलो दिल्ली में सन् 2003 में ही मध्यमवर्गीय जगहों में देख चुके हैं.. :)

Neeraj Rohilla said...

बहुत दिनो के बाद आपके ब्लाग पर आना हुआ,

सुना है आसिफ़ अली जरदारी भी अमेरिका में कुछ ऐसे ही कार्ड बांटते फ़िर रहे हैं :-)

वैसे आपकी नजर बडी पारखी है :-)

Anonymous said...

सुना है आसिफ़ अली जरदारी भी अमेरिका में कुछ ऐसे ही कार्ड बांटते फ़िर रहे हैं :-)
maeri bhi sehmati haen neraaj aap sae

aur is post par aaye ek annam kament kaa jwaab haen masijeevi aap ki post
आईये, आईये, सुंदर युवतियाँ व महिलायें किराए पर भी उपलब्ध

shoshan , fashion aur majboori kaa mila jula rup haen

गगन शर्मा, कुछ अलग सा said...

प्रतिस्पर्द्धा का जमाना है। हर तरह के हथकंडे अपनाए जाते हैं। दशकों पहले भी अखबारों में ऐसे विज्ञापन यदा कदा दिख जाते थे कि फ़लां जगह, फलानी बिल्डिंग के फ़्लैट नम्बर इतने में छापा पड़ा। और जिसके मतलब का होता था वह समझ जाता था।

समीर यादव said...

भाई, यह तो आपने सबके सामने ला दिया अन्यथा भीतर तो सब चल ही रहा है..!!! अनुपात कम ज्यादा है. मैंने कई निम्न और मध्यम वर्गीय ठीहों पर छापे मारे हैं, जिसमें इस तरह के भोगी और भोग्य दोनों बरामद हुये. समाज में यह आवश्यक बुराई है..नियंत्रित गति से चलते रहना भी चाहिए ....... वरना असंतुलन पैदा करते हैं ये लोग.

डॉ .अनुराग said...

दूर की कौडी लाये है आप!

Udan Tashtari said...

एक नजरिये से -तरक्की का एक और मुकाम!!

दिनेशराय द्विवेदी said...

आदमी को भी इस व्यवस्था ने मजबूर कर दिया है, इस हद तक।

समयचक्र said...

vyavastha or sanskaar dono doshi hai. ajakal haitek jamana hai sabako har cheej sulabh hai .

Anonymous said...

वाकई, तरक्की पर हैं ये लोग। कुछ समय पहले तक हिन्दुस्तान टाईम्स का एचटी सिटी और टाईम्स ऑफ़ इंडिया का दिल्ली टाईम्स इस तरह के लघु विज्ञापनों से अटा रहता था। अब विज्ञापन का ये फैन्सी तरीका! :)

E-Guru Rajeev said...

गुरु नंबर काहे हटा दिया.
बेचारे का कुछ भला ही हो जाता. ;)

नीलिमा सुखीजा अरोड़ा said...

samir sahab se sahmati, tarakki ka ek aur aayam