अच्छा बताइए हर किसी का पैदा होना क्यों जरूरी है, लोग अवतार लेते रहे हैं, खोजे जाते रहे हैं, निर्मित किए जाते रहे हैं। अच्छा चलिए हम पैदा हुए भी थे तो भी अचानक सारी दुनिया ईर बीर फत्थे हमारे जन्मदिन के बारे में इतने चिंतित क्यों हो गए हैं। इतने जितने कि हम खुद भी कभी नहीं हुए। आजकल हमारे मेलबाक्स में दे दनादन हमारा जन्मदिन जानने की आकांक्षा रखने वालों की कतार पाई जाती है-
अब ये बताइए कि बहिनजी की तरह हम मुख्यमंत्री तो हें नहीं कि धिक्कार, सम्मान, थू थू और न जाने क्या क्या दिवस के रूप में मनाए जाने के लिए हमारे जन्मदिन की जरूरत हो। हम होते तो बता देते हम बर्थडे जानने वाले से कुछ रोकड़ मिलता।
मजे की बात है कि हमने अरसे से मशीनों को जवाब न देने की नीति अपना रखी है। मतलब न तो 10000000000000000000000 डालर की लाटरी निकलने की सूचना पर, न बीबो, फीबो, बर्थडे वगेरह वगैरह।
लेकिन फिर भी कोई इच्छुक हो जान ले कि जिस साल इंदिरा का राज था उस साल के बहुत बारिश वाले दिन जब केंचुए अपने बिलों से बाहर निकल आए थे, पड़ोस की रामवती की बेटी को हैजा हुआ था जब ही हमारा अवतार हुआ था।
जन्मदिन खोजक बिरादरी अब हमें माफ करें।
12 comments:
कसम से अभी इसी पर लिख रहा था- आधे से ज्यादा हो भी गया था. क्या ट्यूनिंग है महाराज-अब हमने मिटा दिया अपना लिखा.
बहुत परेशान हो लिए हैं इन बर्थडे पूछने वाली ईमेल से.
दो दिन से तो लग रहा है कि काहे पैदा हो गये. न रहता बांस-न बजती बांसूरी.
एक रेडीमेड आन्सर बनाकर कट पेस्ट करता चलूँ कि अब मैं ही नहीं रहा तो कैसा बर्थ डे. :)
चिंतित उस नरमवेयर ने किया है
जो सख्तवेयर में घुस घुस आता है
बार बार
पूछता है नाम लेकर
उस तश्तरी का जो उड़ती है कि
वो जन्मदिन का रिमांडर
रि माइंड डर
न जाने क्या क्या
करना चाहते हैं
पर डरना नहीं चाहते हैं
न डरना ही चाहिये
शायद उपहार या बिगहार भेजें
जन्मदिन/रात हो तो भी भेजें
चाहे रिमांडर में सहेजें
क्योंकि यूं तो वे अपना
भी भूल भूल जाते हैं।
आप ने अच्छा किया शंका समाधान कर दिया ! लगता है इसका बहन जी के बर्थ डे से जरूर कोई न कोई सम्बन्ध है -यह उन्ही के साथ आया और शायद जा भी रहा है -और केक भी नही कटा !
कमाल है आपको अब तक पता ही नहीं कि क्यों सब लोग आपका जन्म दिवस जानना चाहते हैं ?
चलिए हम बताए देते हैं .
दरअसल आपको साहित्य के नोबेल पुरुस्कार से सम्मानित करने का फैसला हुआ है . मीडिया वाले भी बस पहुँचते ही होंगे .
बाहर देखिए शायद आ भी गए :)
और भी अनजान हितैषी हैं। पिछले दिनों मुझे बताया गया कि मेरा 750,000 ब्रिटिश पाउण्ड का इनाम निकला है। बस नाम-पता,फोन नम्बर आदि देने की देर है। हम ठहरे मन्दबुद्धि सो मेल डिलीट कर दिया। अगला मेल 900,000 ब्रिटिश पाउण्ड का आया। उसे भी डिलीट किया तो अब एक मिलियन का मेल आया है। आप 100-200 भारतीय रुपये ही हमें भेज दें तो हम यह मेल आपको फ़ॉरवर्ड कर देंगे। बाकी सब आपका।:)
एक बार जवाब दे देते तो हमारा बर्थ डे पूछता आपका मेल हमें भी मिलता. कई लोग जान कर तो कुछ अनजाने में ऐसे मेल भेज रहें है. मेरा मेल बॉक्स भी भर रहा है और मैं उन्हे यथा स्थान ( :) ) पहूँचा रहा हूँ. जवाब न दें यही इलाज है, वरना और लोग भी परेशान होंगे.
हमने भी इस तरह का मेल किया.. शायद जिन्हे हमने किया उनमे से किसी ने आपको भी कर दिया होगा.. हम तो सिर्फ़ अपने जानने वाले लोगो का जन्मदिवस जानना चाहते थे.. और उन्होने हमे निराश भी नही किया..
सबने हमे अपने जन्म दिवस की तारीख मेल की.. अब हमारे पास सबका डेटा बेस है.. इस भागती दौड़ती ज़िंदगी में दो पल किसी को जन्म दिवस की शुभकामनाए देने के लिए निकाल लिए जाए तो ये इतना मुरा भी नही..
यह सोंचकर तो आप नाराज नहीं हो गए कि जन्मदिन जानने के लिए हम ज्योतिषियों में से ही किसी ने आपके इन्बाक्स में मेल भेजा है....क्योकि मित्रों के मेल से तो कोई नाराज नहीं होता।
रामवती की बेटी के हैज़े का इलाज़ मैंने शायद 1969 में किया था, बच तो नहीं पाई थी..इसलिये आपकी छठी में नहीं आ पाया था !
bahut sahi....
हम भी परेशान हैं इस तरह की ईमेल से।
मनीषा
बता भी दो यार लोगों को जन्मदिन। इत्ते भी क्या नखरे करने। एक पोस्ट में लिख दो। जब मेल आये तो उसका लिंक भेज दो बस!
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