कुछ दिन हुए अनूपजी का फोन आया, चूँकि हम चर्चाकार हैं अत: वे हमसे राय जानना चाहते थे कि क्या चिट्ठाचर्चा को खुद के डोमेन पर ले जाना चाहिए। हम इस बात से कतई उत्साहित नहीं थे। एक सामूहिक ब्लॉग के डोमेन पर जाने की कुछ दिक्कतें होती हैं तथा ये उसकी गतिशीलता को प्रभावित करती है ये हम सब चोखेरबाली के अनुभव से जानते हैं। दूसरी दिक्कत हमें डोमेन के मालिकाना हक की वजह से भी थी... हाल में कितना भी शोर मचाकर लोगों ने कहा हो 'अनूप की' चिट्ठाचर्चा पर हम पहले कह चुके हैं हमें ऐसा नहीं लगता... हमारी ही है चिट्ठाचर्चा। अस्तु हमने सबसे राय लेकर जो तय हो उस पर अपनी अनापत्ति दी संभवत इसे फिलहाल ब्लॉगर पर ही रखने का निर्णय लिया गया।
अनूपजी व पाबला साहब (संयोग ही है कि इन पाबला साहब से मेरा कोई विशेष संपर्क नहीं है इसलिए उनकी प्रकृति पर कोई भी टिप्पणी कयास ही होगी) के बीच कोई छाया युद्ध चल रहा है इसका आभास कुछ कुछ हमें भी है पर यह सब चिट्ठा संसार में होता ही रहता है कोई अनोखी बात नहीं है। पर इतना तय है कि इस तरह के पंगो की एक मर्यादा रही है। नारद के जितेंद्र को हम कतई पसंद नहीं थे पर पासवर्ड बताने/पाने तक में कोई संकोच नहीं था बाकी लागों के साथ भी ऐसा ही रहा। हिन्दी चिट्ठाकारी में अब तक गिरावट केवल भाषिक रही है...एक दूसरे के खिलाफ अपराध करने के रिवाज नए हैं। खुद अक्षरग्राम मिर्ची सेठ के नाम दर्ज रहा है किसी को नहीं लगा कि इसे हथियाया जाएगा पर चिट्ठाचर्चा पर एक टिप्पणी के बाद देखा तो बेहद छि: का अहसास हुआ।
काजल कुमार Kajal Kumar said:
यूं ही घूमते-टहलते मैं एक अन्य साइट
http://chitthacharcha.com पर पहुंचा. पाया कि अमरीका के सर्वर पर भिलाई के किन्हीं गुरप्रीत सिंह सज्जन ने यह नाम बुक कर रखा है. वाह जी बल्ले बल्ले
क्या वाकई...
अरे हॉं
WHOIS information for chitthacharcha.com :
[Querying whois.internic.net]
[Redirected to whois.PublicDomainRegistry.com]
[Querying whois.PublicDomainRegistry.com]
[whois.PublicDomainRegistry.com]
Registration Service Provided By: LOOP NAMES
Contact: +091.4229549
Website: http://www.loopnames.com
Domain Name: CHITTHACHARCHA.COM
Registrant:
dillmillgaye.in
Gurupreet Singh (gspabla@gmail.com)
272/A, Risali Sector
Bhilai
Chhattisgarh,490006
IN
Tel. +91.9993908226
Fax. +91.9993908226
Creation Date: 12-Dec-2009
Expiration Date: 12-Dec-2010
Domain servers in listed order:
ns12.netwayweb.net
ns11.netwayweb.net
Administrative Contact:
dillmillgaye.in
Gurupreet Singh (gspabla@gmail.com)
272/A, Risali Sector
Bhilai
Chhattisgarh,490006
IN
Tel. +91.9993908226
Fax. +91.9993908226
उल्लेखनीय है कि प्रशासक के रूप में दर्ज दिलमिलगए एक व्यवसायिक साईट है जिसके संपर्क के लिए नाम के रूप में श्री जीएस पाबला तथा श्री बी एस पाबला नाम दर्ज हैं। संभवत गुरप्रीत पाबला, पाबला जी के कोई परिजन ही हैं।
अब सवाल ये है कि क्या ये साईबर स्क्वैटिंग है? निश्चित तौर पर है अगर विकी पर साइबर स्क्वैटिंग की परिभाषा के मूल तत्व को देखें तो-
Cybersquatting (also known as domain squatting), according to the United States federal law known as the Anticybersquatting Consumer Protection Act, is registering, trafficking in, or using a domain name with bad faith intent to profit from the goodwill of a trademark belonging to someone else
साइबर स्क्वैटिंग अपराध है उस पर कानून कुछ कहता होगा...ये हमारी नहीं कानूनचियों की दिक्कत है...अपनी दिक्कत बस इतनी है कि लोगों के व्यक्तिगत छाया युद्ध यहॉं सामूहिकता के विरूद्ध अपराधों की गर्त में जा पहुँचे हैं। इससे पहले की कोई बॉंग देकर मसीही हासिल करे चेता देना जरूरी है।
1/02/2010: अपडेट अभी ज्ञात हुआ कि श्री पाबला इस पोस्ट से आहत हुए हैं, खेद है। उनकी पोस्ट का शीर्षक कोई उत्तर देने की मांग करता है, किंतु हमें कोई सवाल पोस्ट में मिला नहीं यूँ भी ऐसा सर गाड़े उत्तरपुस्तिकाओं से जूझ रहे हैं कि उत्तर शब्द से ही थकान हो रही है :) । उन्हें शायद तस्वीर से आपत्ति थी.. हम उनकी यही तस्वीर पता थी इसलिए ये लगाई। पर यदि उन्हें आपत्ति है तो हटा देने में क्या हर्ज है। हटा दे रहे हैं आशा है अब बेहतर अनुभव कर रहे होंगे। अब तक हुए कष्ट के लिए खेद है।
46 comments:
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सहमत हूँ आपसे,
वजह चाहे कुछ भी रही हो...
है यह साइबर स्कवैटिंग ही...और इसी लिये निन्दनीय भी...
बड़ा गम्भीर मामला है… पाबला जी स्पष्टीकरण देंगे… इन्तज़ार करते हैं…
साईबर स्क्वाटिंग के बारे में जानकारी के लिए शुक्रिया
आप से पूरी तरह से सहमत हूँ । चिटठा चर्चा मंच सबसे पुराना मंच हैं और एक धरोहर के समान हैं इस कि हिफाज़त करनी चाहिये । यह साइबर स्कवैटिंग ही...और इसी लिये निन्दनीय भी॥ लेकिन ये सामूहिक प्रयास हैं और इसकी घोषणा बहुत गाजे बाजे के साथ हो चुकी थी इस लिंक पर
http://rajtantr.blogspot.com/2009/12/blog-post_15.html
http://bspabla.blogspot.com/2009/12/blog-post_13.html
वैसे मसिजीवी जी कानून के रक्षक जब खुद ऐसी चीजों को बढ़ावा देते हो तो फिर कुछ कहना फिजूल हो जाता हैं ।
gurpreet
इसके बारे में सुना जरुर था पर टेक्नीकल टर्म साईबर स्क्वैटिंग के बारे में आज पता चला।
nice
दुर्भाग्य की बात है कि निजी खुन्नस सामुदायिक प्रयासों को ध्वस्त करने का कारण बन रही है.
दुर्भाग्य पूर्ण।
साथियों को लगातार बेइज्जत करना, नीचा दिखाना, विवादों को जन्म देना, अपने निज स्वार्थों के लिए इस मंच का बेजा इस्तेमाल करना, अपनी स्वयं की लड़ाई को इस मंच से उजागर करना: क्या यही है सामूहिक प्रयास। क्या इसका सब चर्चाकारों को जिम्मेदार माना जाये।
उस समय यह कहने के लिए सामूहिकता की आवाज कहाँ थी कि यह गलत हो रहा है?
सब कुछ तो अनूप सुक्ला के मनमुताबिक हो रहा था और हो रहा है और इलाहाबाद सम्मेलन की किसी रिपोर्ट से लेकर हर तरफ भी चिठ्ठाचर्चा को अनूप सुक्ला की ही जानी जाती है। आज जब कोई नाम उड़ा ले गया तो स्कैटिंग नजर आ रही है? अनूप सुक्ला द्वारा की गई तमाम अपमानजनक हरकतों का भी तो अंग्रेजी ब्लागिंग में स्कैटिंग जैसा ही कोई नाम होगा। उसे भी खोज कर बता दिजियेगा।
जिसकी मर्जी होती है वो टिप्पणी छाप दी। जिसकी मन हुई टिप्पणी मिटा डाली। हाल ही में ज्ञान जी का एपिसोड इसका गवाह है। जब बात जग जाहिर हुई तो भाग कर छाप दिया और बैगरतों की तरह सफाई देने भी अपने चेले को भिजवा दिया। क्या इसे आप सामूहिक मंच कहते है?
अच्छा हुआ कि ऐसे मगरुरों का भ्रम टूटा कि वो ब्लॉगजगत के बाप नहीं है। पाबला जी बधाई के पात्र हैं कि अनूप सुक्ला जैसे घृणित लोगों को आईना दिखाया।
रायचंद बमनेरी
और आपकी जानकारी के लिये बता दें कि श्री गुरुप्रीत सिंह जी पाबला जी के सुपुत्र हैं। और वह कितनी बड़े व्यक्तित्व हैं इस का अन्दाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि वह चांद तक पर जमीन के मालिक हैं।
पाबला जी ने जो किया है वो स्कैटिंग नहीं 'ले उड़ना' है। पाबला जी ले उड़े हैं क्योंकि इस मंच पर ज्ञान जी कि टिप्पणी बंद है। ज्ञान जी का मामला आते ही पाबला जी द्रवित हो जाते हैं क्योंकि इनका ज्ञान जी से बहुत गहरा रिश्ता है। जब भी कोई ज्ञान जी की टिप्पणी बंद करेगा पाबला जी ले उड़ेंगे।
वैसे भी आपके इस मंच का इतना बेजा इस्तेमाल किया जा रहा है। पाबला जो ले उड़ें हैं वहां पर वह नया मंच बनायेंगे जिसका सिर्फ स-जा इस्तेमाल किया जायेगा। बेजा तो बिल्कुल नहीं।
पहले भी पाबला जी जो भी करते आये हैं वह हमेशा किसी न किसी के लिये स-जा ही रहा है। इस बात को सभी चिट्ठाकार जानते हैं।
आप सबको तो खुश होना चाहिये कि आपके बीच कोई इतना सामर्थ्यशील इन्सान है जो ले उड़ भी सकता है। वरना तो यहां सब बैठे हुये देखते रहते हैं।
शत-शत नमन ऐसे श्री पाबला जी को।
रायचंद बमनेरी
इस चिट्ठी के बारे में में क्या कहूं, कुछ टिप्पणी करने की क्षमता नहीं है।
लेकिन यह सच है कि साइबर स्कवैटिंग और टाइपो स्कवैटिंग एक रोचक विषय है और डोमेन नेम पर विवाद बढ़ रहे हैं।
यह साइबर स्कवैटिंग हरगिज भी नहीं है...
आप CHITTHACHARCHA.ORG
ले लीजिये....और भी बहुत सारे हैं...जो आप ले सकते हैं....चिटठा-चर्चा कोई पेटेंट किया हुआ नाम नहीं है....यह एक काम है....जबतक यह नाम आपके नाम से 'पेटेंट' नहीं हो जाता तब तक कोई भी नहीं कह सकता की पाबला जी ने गलत किया है...
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ये सभी मिल रहे हैं आप ले लीजिये...
पाबला जी ने चिट्ठाचर्चा.कॉम लिया है ....ये न तो कानूनन अपराध है न ही गलत....
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ye naam uplabdh hain...
filhal to main ada ji se sahmat hun..
मैं कुछ बातें और स्पष्ट करना चाहती हूँ..
चिट्ठाचर्चा.कॉम एक साईट का नाम होगा और यह निशुल्क नहीं है ...
ब्लॉग फ्री है ...कोई पैसा आप नहीं देते हैं..
इसके लिए निन्मलिखित स्टेप्स हैं..:-
चिटठाचर्चा.कॉम एक डोमेन नेम है जिसे आप रजिस्टर करते हैं कुछ शुल्क देकर ..जैसे एक साल के लिए $९.९९ फिर हर साल आप यह फ़ीस देते रहते हैं...
दूसरी बात आप वेब साईट डेवेलोप करते है और उस साईट को किसी की internet service provider से आप host करवाते हैं और इसके लिए आप हर महीने पैसा देते हैं...
इस लिए आपके ब्लॉग और साईट कहीं कोई समानता है ही नहीं....
अगर हम पाबला जी जितने तकनीकी या श्याने होते तो हम भी कर लेते एकाध डोमेन पर कब्जा।
@ Anonymous ji
अभी भी देर नहीं हुई है ..
ये रहा लिंक..अभी के अभी कर लीजिये....कब्ज़ा..
http://www.whois.net/whois/chitthacharcha.com
इस पर तो दिलमिलगये लिखा है... यह भी पाबला है क्या? लेकिन आगे क्या करना है... अगर मैं आपको पैसे दूं तो क्या आप करवा देंगी? मैं चिट्ठाचर्छा.नेट लेना चाहता हूं...
@ benaami ji,
chitthacharcha.net available hai..
aap apna Credit Card lijiye aur inke bataye anusaar information bharte jaaiye aur yah domen nem aapka ho jaayega...
link ye raha:
https://www.verio.com/whois/whois_results.cfm
sabse acchi baat yah hai ki yah naam abhi bhi AVAILABLE hai...kisi ne bhi nahi liya hai....
2nd Ananymous ji::
It is always better to watch your mouth....The world is even worse than you think if you think it merely a "Dog eat dog world" Sorry to be the bearer of such bad news...
READ..STOP...THINK...AND THEN UTTER..!!
GET IT...!!
स्क्वैटिंग और स्कैटिंग में तो अंतर कर लो भाई लोगों कमेंट करने के पहले..:)
मसिजीवी भी माथा पकड़ कर बैठे होंगे....हा हा!!
Mr. Masijivi or whatever your name,
in relation to Webolutions
what you have written
जिसके मालिकों के नाम के रूप में जीएस पाबला तथा बी एस पाबला नाम दर्ज
It is not based on facts, so remove or correct the line
Furthermore, in our context, a picture of the person you have shown, that picture is not anywhere on our website, delete it from here.
If you think we have a crime, then send your complaint by using our website contact form, giving certain information related to ownership of said blog and trademark and the benefits to them, etc. Our lawyers will answer all your things. Take care that all legal matters relating to our registered company are covered under Durg Court.
Even if you ignore the suggestion given in this comment, the statement by you that our company has committed the crime, the possibility of legal action can be considered.
आदरणीय मसीजिवी जी नमस्कार!
जहा तक मुझे पता है कि मेरे साईट का नाम pankaj it.com है और अगर कोई कल pankajit.net, .or etc. लेना चाहे तो मुझे कोई आपति नही हो सकती और ना ही ये अवैध माना जा सकता है तो अगर आप का chitthacharcha.blogspot.com/ का कोइ chitthacharcha.com ले रहा है तो गलत कैसे है जबकि डोमेन प्रदता ही उसको ये सब नाम सुझाता है
मसीजीवी जी, ई शुकुल जी महराज त पगला गये हैं. इनका दिमागवा त इनक्र चेलवा कुशवा ने चौपट कर दिया है.
इ बात कनु गलत नाहि है कि कुशवा ने शुकुल जी की सारी इज्जत खराब करवाय दी है. पर आप काहे इमा टांग उलझाय रहे हैं? शुकुल जी ने तो सारी हिंदी ब्लाग जगत का भट्टा बैठाय दिया है. असल मा ई अऊर इनका एक दू गो चेलवा लोग ई समझत हैं कि हिंदी ब्लागिंग इनकी मोहताज है...और चिट्ठाचर्चा इनकी बपौती.
हमने जब टिप्पणी चर्चा शुरु की रही त ई कुशवा ने बहुते उचक उचक कर कहा रहा कि चच्चा तो दिवंगत हुई गये..
अरे कुशवा अब बता कि दिवंगत कौन हुआ? तू या शुकुल जी या हम?
शुकुल जी जैसा बोवोगे वैसन ही काटना पडिहै...अरे आप तो इत्ते हलकट मनई निकरे कि पंगे बाज को द्विवेदी वकील साहब के खिलाफ़ उचकाय दिये?
कोनू शर्म धर्म है की नाही? अऊर ई चिट्ठाचर्चा कोनू आपकी बपौती नाही है...पाबलाजी ने दाम खर्च किये हैं त उनका माल है..इस तरह लोगों को भरमा कर उनकी इज्जत खराब करने के दोषी त आप हैं.
अऊर इहां सारी बात ’अदा’जी ने बहुते स्पष्ट रुप से बता दी है त अब रोना बंद करिये अऊर कोई नया तरीका खोजिये लोगों को बेइज्जत करबे का...
किसे नापना है समझ नहीं आ रहा है ?
@ गिरीशजी किसी को नहीं... गिरावट की गहराई नापनी है :)
@ प्रिय गुरप्रीत, कानून की बात हमने कानूनचियों के लिए छोड़ दी है... किसी तस्वीर को गलत मंशा से प्रयुक्त नहीं किया गया है...हमारी जानकारी में तस्वीर पाबलाजी की है, नहीं होगी तो वे आपत्ति व्यक्त करेंगे। स्नैपशॉट भी असली है बेवोल्यूशन डॉट इन से ही है।
पोस्ट कानूनी नुक्तेनजर पर नहीं है...केवल नैतिक नजरिए से तथ्यकथन भर है उसी निगाह से देखें। वाकी आपके पास तो वकील हैं उनसे पूछें :)
नैतिकता को स्वाह करने के बाद जो बचता है उसका सदुपयोग वकील से ज्यादा कौन कर सकता है?
वाकी आपके पास तो वकील हैं उनसे पूछें :)
do you know that this company web solutions is hosting many blogs including one by lokesh a lawyer by profession !!!!!
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अंग्रेजी में एक कहावत है कि "Knowledge is power..... हिंदी में भी एक कहावत है कि.."अधजल गगरी छलकत जाए.....अदाजी और पंकज सही कह रहे हैं....
सबके अपने-अपने तर्क हैं। हमने fursatiya.com डोमेन दो साल खरीदा लेकिन वहां शिफ़्ट नहीं किया। चिट्ठाचर्चा किसी को पसंद है तो हमें या किसी को क्या एतराज होना चाहिये?
बाकी तो समय बतायेगा कि आगे चिट्ठाचर्चा का क्या होगा! ज्यादा नैतिकता की बातें शोभा नहीं देतीं आजकल मास्साबजी। प्रैक्टिकल का जमाना है आज!
पूरे मसले को देखने के बाद लगा जैसे बहु राष्ट्रीय कंपनी की कोई स्पर्धा मुसलसल जारी है अस्तु मसिजीवी साहब अब तो नाम का पंजीयन ज़रूरी हो गया सरकार को किसी का नाम रखने के साथ उसे कापी राईट के अधिकार दे देनेचाहिए
बाबा समीरानन्द ji ne Anup ji ki to baja baja diya aur aab agla number apka hi hai.
आधी अधूरी व्याख्या से ऐसा ही होता है
अपने दिये reference को तो खुद पढ़ लिए होते पोस्ट करने से पहले .
पोस्ट बनाकर चर्चा करने से तो बेहतर होता सीधे बात कर ली जाती
एक तो बेनामी और दूसरे छद्म नामी
हिन्दी ब्लॉग जगत की यही है परेशानी
अब तो इस चर्चा का कन्क्लूजन भी निकल आया है। बातें न चाहते हुये भी व्यक्तिगत हो ही जाती हैं। कानूनी मसले तो साफ ही हो गये हैं अतः उस पर कुछ कहना बेकार है। रह गयी नैतिकता की बात तो जो चीज समाज में अदृश्य सी हो उसके बारे में भी आँसू बहाना ठीक नहीं है। नैतिकता की बात कैसे होगी जब लोगों में सामने आकर टिप्पणी करने तक का साहस नहीं है। अनामी रह कर टिप्पणी करते हैं।
गणतंत्र दिवस की आपको बहुत शुभकामनाएं....
All is Well
All is Well
All is Well
All is Well
All is Well
All is Well
All is Well
VERY NICE!
मैं अनपढ़ अज्ञानी हूं, क्या बोलूं इस पर
जै जै
thotha chana baje ghana..
अब लङाई लङाई माफ करो और .....सब अपने अपने ब्लोग पर चलो और जाके खिङकियां बंद करलो जब तक की ये दोनों बङे बङे लोग लङाई बंद नहीं कर दे
यही होता है तो यही होता क्यों है?
वाह !! जो लोग अपने फोटो और निजता को लो लेकर इतने चिंतित हैं वो अपने ब्लॉग पर सब के जन्म दिन डालते हैं और दुसरो कि निजता को भंग करते हैं । आप बड़े तमीज़दार निकले लेकिन वो खुद ऐसे नहीं हैं । लोगो के कहने के बावजूद भी वो अपने ब्लॉग से निजी जानकारी नहीं हटाते हैं ।
भइये पाबला जी,
क़ानूनी धमकी देना बंद कीजिए। चिट्ठा-चर्चा नामक डोमेन को आपके अख्तियार से हटाने के लिए हमें दुर्ग के किसी कोर्ट में जाना नहीं पड़ेगा।
दुनिया भर के डोमेन संबंधी सारे विवाद ऑनलाइन ऑर्बिट्रेशन से सुलझ सकते हैं।
वैसे हमसे भिड़ने के लिए पहले अपना ज्ञानवर्धन कर लें और http://www.icann.org तथा http://www.wipo.int/amc/en/domains
नामक लिंक पर उपलब्ध जानकारी को हासिल कर लें और फिर बात करें।
मैं चिट्ठा-चर्चा का निष्क्रिय ही सही पर एक पंजीकृत चर्चाकार हूं और इस मामले में आपसे क़ानूनी रूप से निपट सकने की आधिकारिक विशेषज्ञता रखता हूं।
आप अपना इरादा जताएं, क्या चाहते हैं ?
दरवाजा खुला रखने से ऐसा ही होता है
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