अच्छा तो तुम्हें कौन प्यार करेगा
सभी कविताएं अगर हो जाएं स्वकीया
प्रेम बन जाए जेलखाना
कह लो घर जी आए तो
आटा गूंथती देह पर चुहचुहा आई बूंदों पर
लुटाने के लिए
बहुत प्यार है दुनिया के कैदखानों में
पर कहो
मेलोड्रामा पर तमतमा आए तन पर
सिकुड़ गई ऑंखों पर भी तो आना चाहिए न प्रेम।
अपने नहीं कर सकते सच्चा प्रेम
स्वकीया प्रेम पर तालाबंदी चाहिए।
2 comments:
गज़ब ...
मज़ा आ गया रचना पढ़ के ...
koi bhee kisi ke bare main ye kase nirnay kar sakta hai ke koi kisi ko payar karega. jiwan ke sath he payar jud jata hai. paristhitiyo anusar esmey paribartan atta hei. payan kabhi purn nahi hota. iske koi seema nahi hai. payar aseem hai. thbi to aaj jag kayam hai.
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