यह पोस्टिका एक रहस्यपूर्ण सूचना बॉंटने भर के लिए है। आप में से कुछ को अवश्य ही मोहल्ला के विषय में याद होगा ऐसे ही भड़ास के भी। दोनों ही ब्लॉग रहे हैं और अब मीडिया समाचार पोर्टल बन गए हैं तथा एक मायने प्रतिस्पर्धी भी हैं। दोनों ही के संचालकों में विवादों, बलात्कार की कोशिश के आरोप जैसी कई चरित्रगत समानताएं भी बताई जाती हैं पर तब भी ये समानधर्मी पूर्व-ब्लॉगर विरोधी ही कहे जाते हैं या कम से कम पब्लिक ऐसा ही जानती है। इसलिए कल जब ब्लॉगवाणी पर ये दिखा तो हैरानी हुई-
ये अविनाश भला क्यों यशवंत का प्रचार कर करने लगे। जब जिज्ञासावश इस पर क्लिक किया तो ये मोहल्ले की ओर महीनों बाद पहली बार जाना हुआ था..देखा तो वाकई भड़ास की पोस्ट मोहल्ले पर विराजमान थी।
समानधर्मी लोग वाकई एक हो गए हैं या इतने दिनों तक एक पोर्टल के मालिक लोग किसी प्रतिस्पर्धी की फीड को पोस्ट होने से रोकना नहीं सीख पाए :)। वैसे अगर ये तकनीक का अनाड़ीपन न होकर वाकई भड़ास तथा मोहल्ले का गठजोड़ है तो ये गठजोड़ हमें बेहद स्वाभाविक जान पड़ता है। क्या कहते हैं?
13 comments:
कुछ बात तो है!
'पोस्टिका' शब्द झकास लगा.
nice
क्या कहते हैं? - nice :-)
bhadass ka mohalla ya mohalle me bhadass
पता नहीं ऊपर क्या है और अंदर क्या है।
भाई तो भाई है
चाहे मौसेरा हो
शेरा हो
गीदडि़या हो
जब हो सकते हैं
हिन्दी चीनी भाई भाई
फिर भी बढ़ती जाती है
चीनी की महंगाई
और भाई होना तो
अच्छा है
और है बुरा भी।
मुंबई में भी
पाए जाते हैं भाई।
वैसे भाई अब मिलेंगे
ब्लॉगिंग में भी भाई
हम भी तो हैं
किसी के चाचा
किसी के बेटे
और बाकी सबके भाई
क्यों छूट रही है
आपकी हंसाई।
आपकी सजगता और चौकस निगाहों को नमन!
kya nazar paai hai aapne boss
;)
अरे वाह ..!!
क्या पोस्तिका है..
और इसको कहते हैं ..
nice -ए-nice ..!!
वैसे दोनों पत्रकारों के साथ आपका बलात+सत्कार अच्छा लगा...:):)
यानि एक बाबा रणछोडदास श्यामल दास चांचड .....और दूसरे फ़ुनसुक बांगडू ....डुबी डुबी डुबी डुबी ..पम्पारा ..
अजय कुमार झा
हम्म.
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