हमने अपने मित्र की हिन्दी यूनिकोड से टेक्टाइल जद्दोजहद की चर्चा की थी। और लीजिए म्यूजिकेडिमिक वाले कच्चे रास्ते की पहली खट खट हो गई है ब्लॉगजगत के दरवाजे पर। कच्चे रास्ते के राही हमारी तरह हिंदीबाज नहीं हैं, शैक्षिक जगत के व्यक्ति हैं विषय है इतिहास। ग्रामोफोन इंडस्ट्री के इतिहास पर शोधलीन हैं। शास्त्रीय संगीत की अच्छी समझ है। उनका वायदा है कि इन सभी विषयों पर वे अपनी अंगुलियॉं चलाते रहेंगे।
के ये ब्लॉगर हिन्दी के संभवत पहले दृष्टिहीन ब्लॉगर हैं, इस लिहाज से तकनीकी पचड़े रहेंगे पर समय बीतते न बीतते ये पचड़े कम ही होंगे, इसलिए दिल खोलकर स्वागत करें इस खट खट का।
2 comments:
ये आपने एकदम अलग जानकारी दी है
इस ब्लोग का स्वागत है !
-- लावण्या
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