Thursday, February 21, 2008

ये शब्‍द कहॉं से आ रहे हैं

अजितजी अक्‍सर शब्‍दों के इतिहास व अन्‍य व्‍युत्‍पत्तिपरक अध्‍ययन प्रस्‍तुत करते हैं तथा सही है शब्‍द भूगोल व इतिहास में लंबी यात्राएं तय करके आते हैं पर शब्‍दों की यात्राएं सदैव इतनी ही निर्दोष नहीं होती मसलन हम जैसे अकादमिक जगत के लोगों में कुछ जीव ऐसे होते हैं जिन्‍हें सेमिनारी जीव कहा जाता है। हम इने गिने सेमिनारों में ही जा पाते हैं (कोई महानता नहीं बस इतना है कि बाल-बच्‍चे वाले कामकाजी युगल होने के नाते समय कम होता है) किंतु तब भी हमें शब्दों के कुछ ट्रेंड्स दिखाई देते हैं। मसलन कॉलेज ने पिछले साल मैमोरियल लेक्‍चर में विषय रखा 'टुवर्ड्स इन्‍क्‍लूसिव सोसाइटी' था। इस साल राष्‍ट्रीय सेमिनार में कल और आज, कपिला वात्‍स्यायन, उपेंद्र बक्‍शी, टीके ऊमेन, मनोरंजन मोहंती, नामवर सिंह आदि आदि जिस विषय पर विचार कर रहे हैं वह भी है - 'रीइमेंजिनिंग इंडिया: एक्‍सक्‍लूजन एंड इन्‍क्‍लूजन' । उपेंद्र बक्‍शी ने एक ब्‍लंट सवाल उठाया कि ये शब्‍द कहॉं से आ रहे हैं- वाशिंगटन डीसी। उपेंद्र ने सवाल व जबाव एक ही सांस में खुद पेश किए और फिर अनुभवों और तथ्‍यों से उन शब्‍दों की आनुवंशिकता को प्रस्‍तुत किया जो समय समय पर पूरी दुनिया के विमर्शवृत्‍त (विमर्श का बाजार)  में उछाले जाते हैं। इससे पहले उछाले गए शब्‍द रहे हैं- पार्टिसिपेशन (आई, यू, यू,यू...वी पार्टिसिपेट- ही प्राफिट्स) , स्‍पेस, डेमोक्रेसी...। उफ्फ हम तो इन शब्‍दों को बेहद प्रगतिशील मानकर इन्‍हें फैशन की तरह खूब इस्‍तेमाल करते आ रहे हैं...सैम अंकल के लिए।

funded thought बात वहॉं तो खत्‍म हो गई पर फिर और सोचने पर अनुमान लगाना संभव हुआ कि दरअसल ये सारे महौल को अराजनैतिक बना देने की गहरी घोर राजनीति है। आप इन्‍क्‍लूजन का शब्‍द देते हैं ताकि एक्‍सक्‍लूडिड खुद ताकत बनकर शामिल न हो पाएं न ही वे देख पाएं कि जिसे इन्‍क्‍लूजन कहा जा रहा है वह बाकायदा सोची समझी उत्‍पीड़न प्रक्रिया को ढकने की कोशिश भर है। और भी बहुत कुछ है पर भाषा का वयक्ति होने के नाते जो सहज समझ आता है कि अब शब्‍दों को निर्दोष वाहक मानना खत्‍म करना होगा...ये जो शब्‍द आ रहे हैं उनपर विचार करें कि क्‍यों आ रहे हैं कहॉं से आ रहे हैं। शब्‍द अब 'फंडिड थॉट' हो रहे हैं।

1 comment:

कुन्नू सिंह said...

अपने ब्लोग मे कोपी को डीसेब्ल नही कर सकता क्यो की फ़िर मेरे बहुत से पोस्ट है जिस्मे लोगो को कोपी करने के लीये जरुरत है। मैने आप लोगो के लीये ही तो डीसेबल नहि किया