बालमुकुंद जब शिवशम्भु के चिट्ठे लिख रहे थे तो हिंदी पत्रकारिता की स्थिति कुछ कुछ वैसी ही थी जैसी आजकल हमारी चिट्ठाकारिता की है। उनके शिवशम्भु शिवबूटी छानकर अइसे मगन होते थे कि फिर काहे के लाटसाहब और काहे के कोई और। हम भी कुछ ऐसी ही पिनक में होते हैं बसंत में। और अइसा भी नहीं कि नीलिमा नहीं जानतीं कि हम अइसे हैं। भई आपके लिए होंगी नई हम तो तबसे जानते हैं जब नारी उत्थान मार्के की कविताई किया करती थीं, हमें लगत है कोई चौदह बरस हुई गए हुंगे.....नहीं नीलिमाजी। अरे भूल गईं ....वहीं बिट्स पिलानी ही तो रहा उ उ उ ओएसिस 1993। आप आईं अपनी कविताए लेकर और हम निकालत रही उ एक पत्रिका (कंपटीशन था भई)....। तो मतलब ई कि आप जानत तो थीं ही कि होली पर इसे नहीं छेड़ना है पर फिर भी आप नहीं मानीं। दे ही मारी पिचकारी सवालों की। अब भुगतो ....। देखि बुरा नहीं मानने का है ....वो क्या है होली है। और होली की उमंग हमसे बरजास्त नहीं होती।
पाठक लोग पहला सवाल की धार है
आपकी चिट्ठाकारी का भविष्य क्या है ( आप अपने मुंह मियां मिट्ठू बन लें कोई एतराज नहीं)
अब आप तो जानती हैं आपसे भी पैसे कई बार उधार लिए हैं हम। ये हिंदी कमबख्त हमारी माशूक है पीछा ही नहीं छोड़ती। सुनील दीपक जी पूछत रही कि इंजीनियरिंग काहे छोड़ दिए। अरे खब्ती रहे और क्या, और फिर छोड़े कब। इंजीनियरिंग में थे तो हिंदी हिंदी किया करते थे अब हिंदी में कंप्यूटर कंप्यूटर चिल्लाते हैं। ...हॉं तो क्या कह रहे थे। हॉं हिंदी... तो याद तो होगा ही आपको कि जब यूनिकोड ससुरा पईदा नहीं हुआ था तबहीं मैगजीन निकाले रहे हिंदी में ऊसका नाम रहिन 'ईत्रिका' और नारद उ ह तो ससुर हमार फांट का नाम रहि। फ्रीसर्वर पर थी बाद में डोमेन भी लिया पर का करिं बेरोजगारी अइसन पकरी कि अबहिं तक ना छोडि़। तो उह इत्रिका ओर उससे पहले xoom पर साहित्य, (इत्रिका के टाइटिल पर लिखा होता था हिंदी की पहली इंटरनेट पत्रिका) (ह ह ह जवानी में विश्व, सवसे पहले, ....कितना महत्व रखती हैं।) तो हम कहि रह हैं कि चिट्ठाकारी तो है ही वो चीज जिसके लिए हम हैं और तबसे इसके साथ हें जब ये होती ही नहीं थी पर सही वक्त पर सही जगह पर अनूपजी, जीतू भैया थे वे वो सब कर गए...अच्छा किया। हम भी अपना भर करेंगे...भारतेंदु वो ही सही हम शिवशम्भू ही सही। कभी कभी कंप्यूटर की पुरानी इत्रिका उत्रिका की फाइलें खोलकर देख लेते हैं...खुश होते हैं जो सोचा था कोई तो कर रहा है। और रही चिट्ठाकारी के भविष्य की तो सुनो वोह तो है आपके हाथ। मतबल ई कि नए लोगल को लाओ भविष्य बनाओ।
आपके पसंदीदा टिप्पणीकार।
आपहीं हैं और कौन। और किसी की तस्वीर में उह बात नहीं। वैसे एक प्रियंकर भैया रहिन पर ऊ रूसे हुए हैं। लजा लो लजा लो पर बुरा मानने की बात नहीं है्....होली है न।
तीसरा सवाल किसी एक चिट्ठाकार से उसकी कौन सी अंतरंग बात जानना चाहेंगे?
सभी व्यसनी चिट्ठाकारों से पूछन का है कि भैयन हमार तो चलो कोई बात एक तो हम सनके हुए हैं और घर-उर में सब लोगन को पहिले ही से ये मालूम रही फिर हमार जो घरआली हैं वो भी समझों कि इसे कैटेगरी की हैं जो जिआदा बुरा-उरा नहीं मानती। पर भैया लोग आप जो जी जान लगाकर खून फुंकर रहि हो...बहुत उमीद वुमीद तो नहीं रखे हो न। सवाल इह है कि कइसे मनाते हो भैया हमार भौजी लोग को..।
वह बहुत मामूली बात जो आपको बहुत परेशान किए देती है?
लो कल्लो बात। ससुरी बड़ी बात की तो औकात नहीं कि हम परेशान हों। अब नीलिमा की सादी हुई ...हुए हम परेशान...। बाजा आदमी होता तो बजीराबाद के पुल से छलांग लगा देता परेशानी में। नहीं भाई लोग हम परेशान नहींए होते। (हम तो पहिले ही कहे थे मान जाओ होली पर पंगा मत लो नहीं मानी...अब पता नहीं क्या क्या राज खुलेंगे आज।
आपकी जिंदगी का सबसे खूबसूरत झूठ?
अरे ससुर की नाती...हमार जिंदगी ही हईगी खूबसूरत झूठ। सोचत हैं किरांति करेंगे....पता है झूठ है पर खुद ही खुद कहते हैं कि हमें यकीन है। तो ई रहा खूबसूरत झूठ।
अब देखो बुरा लगा होई तो होली पर हमारी गुंझिया भी खुदहिं खा लहीं। ओर हमार का करिबै।
10 comments:
ई त "शिवशंभू के चिट्ठे" के इस्टाइल में लिखले बा, भंग के तरंग में। बढ़िया लागल जवाब।
"...कभी कभी कंप्यूटर की पुरानी इत्रिका उत्रिका की फाइलें खोलकर देख लेते हैं...खुश होते हैं जो सोचा था कोई तो कर रहा है। ..."
आप इनकी पुरानी सामग्री को परिवर्तन या रूपांतर की सहायता से यूनिकोड में बदल कर पुनर्प्रकाशित क्यों नहीं करते? कोई तकनीकी समस्या हो तो अवश्य बताएँ.
वाह भाई, बड़े बेबाकी से बिंदास बयानी की गई है, होली है बड़े आराम से धक जायेगी. :)
खूब लिखे हो मसिजीवी भईया, मजा आई गवा आपके सबहुं राज पढ़कर।
रविरतलामी जी वाली बात का समर्थन में भी करता हूँ।
नाहीं भाई! ई का बोले आप.अबकी सच्ची हमरा दिल दुखा दिया. हम काहे रूसेंगे? नैकौ नाराज़गी नाहीं है तोहरे प्रति. अरे हम तो इहां पूरब 'दिसा' में हुगली के किनारे गुलाल लिए ठाड़े हैं तोहरे स्वागत के लिये.
तोहार भैया
खूब कही सिवसंभू जी, अब आप भी जानते ही होगे कि बुरा उरा मानने वालों में से हम नाहिं हैं, लेकिन जादा भी मति खोलो राज न्हीं तो बाद में में तोही को भरी के परी ..एक और बात उ दिन कूदे काहे नाहिं ..हैं?...
तोहार ही
बहुत खूब! खुल रहे हैं जानकारी के थान! यह
जानना अच्छा लगा कि पहली ई-पत्रिका निकालने के अपराधी आप हो। कभी उसे दिखाऒ। इंजीनियरिंग छोड़कर साहित्य क्षेत्र में कूदने का काम कोई जवान ही कर सकता है( यौवन लकीर से बच निकलने की इच्छा का नाम है-परसाई!) यह भी देखना सुखद है कि अब आपकी पोस्टें टेलीग्राम वाले साइज से बढ़कर पत्र नुमा हो रहीं हैं!
World Of Warcraft gold for cheap
wow power leveling,
wow gold,
wow gold,
wow power leveling,
wow power leveling,
world of warcraft power leveling,
world of warcraft power leveling
wow power leveling,
cheap wow gold,
cheap wow gold,
buy wow gold,
wow gold,
Cheap WoW Gold,
wow gold,
Cheap WoW Gold,
world of warcraft gold,
wow gold,
world of warcraft gold,
wow gold,
wow gold,
wow gold,
wow gold,
wow gold,
wow gold,
wow gold
buy cheap World Of Warcraft gold s3g6u7um
malignant disorder [url=http://usadrugstoretoday.com/products/viagra-plus.htm]viagra plus[/url] restoril online without prescription http://usadrugstoretoday.com/products/phenergan.htm physiological adaptations to resting heart rate http://usadrugstoretoday.com/categories/men-s-health.htm
feline diabetic cardiomyopathy [url=http://usadrugstoretoday.com/products/retin-a-0-05-.htm]Buy Retin-A 0.05% Low prices, side effects, interactions[/url] the shoemaker and the tea party [url=http://usadrugstoretoday.com/products/lamictal.htm]agriculture grade calcium nitrate[/url]
statistics on calcium [url=http://usadrugstoretoday.com/catalogue/q.htm]Buy generic and brand medications[/url] quit smoking with laser therapy http://usadrugstoretoday.com/categories/birth-control.htm information on careers in public health http://usadrugstoretoday.com/products/ayurslim.htm
best otc medicine for opaite withdrawal [url=http://usadrugstoretoday.com/categories/gastrointestinales.htm]gastrointestinales[/url] mays drug ada oklahoma [url=http://usadrugstoretoday.com/categories/erectile-dysfunction.htm]urea cycle disorder[/url]
Post a Comment