बाबा नागार्जुन की प्रसिद्ध कविता है ‘गुलाबी चूडियाँ’। घर में सामान इधर उधर करते सी आई ई टी की एक सीडी दिखी याद आया कि इसमें नागार्जुन खुद इस कविता को कक्षा दस के विद्यार्थियों (सी बी एस ई के पाठ्क्रम में यह कविता थी) को समझाते हुए फिल्माए गए हैं। कॉंट छॉंट कर उस हिस्से को आपके लिए पेश करने लायक तैयार करना मुझ जैसे के लिए आसान नहीं था पर खैर पेश है- गुलाबी चूडियॉं
2 comments:
वाह भाई आपने तो बाबा के दर्शन भी करा दिये.. क्या बात है..
दसवीं में था तो पहली बार बाबा को डॉं. नंद किशोर नवल के घर पर देखा था। उसके बाद सालों तक बाबा को नजदीक से देखता रहा, सुनता रहा। आपने सालों बाद बाबा को साक्षात सामने दिखा दिया। यही तकनीक है... ब्लॉगिंग का एक अहम काम।
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