मेगासेसे सम्मान के लिए चुने गए विचारक-पत्रकार पी साईंनाथ ने अपनी पुस्तक 'एवरीबॉडी लव्स ए गुड ड्राउट' में भारत के कुछ सबसे गरीब जिलों के अध्ययन से कई सच खोजे हैं जो हमारे नेता, पत्रकार व नौकरशाह पहले से जानते हैं। हम भी जानते व मानते हैं- हर संकट एक अवसर होता है। पर इसका मतलब हम मानते थे कि हर संकट व्यक्तित्व के लिए अवसर हाता है निखरने का। पर हम अहमक थे, दरअसल हर संकट- देश पर, समाज पर, पड़ोसी पर गोया खुद को छोड़कर किसी पर भी आया संकट एक अवसर होता है अपने वर्तमान व भविष्य के संकटों से सुरक्षा का इंतजाम कर लेने का।
अब बाढ़ को ही लें, हर साल इस बाढ़ का आना कितना जरूरी है यह केवल हमारे नेता और नौकरशाह ही समझ सकते हैं- अब पत्रकार भी समझने लगे हैं- पत्रकार को साथ ले, चना चबैना साथ रख नेता लोग हवाई सर्वेक्षण करते हैं, पत्रकार लोग इस अमेजिंग सीन का आनंद लेते हैं- अब कलमघिसाई से तो बहुत हुआ तो देकन एयरलाईन का मजा मिल सकता है पर ये तो चार्टर प्लेन के मजे हैं। और अगर आपके साथ परम नौटंकीबाज रेलमंत्री हुए तो 'हाऊ डेयरिंग' ये आपको बाकायदा हाईवे पर लैंडिंग का आनंद भी दिला देंगे। हे संतोषी माता जैसन बाढ़ तुम उस मंत्री को दिख्खई वैसन सब को दिखाए- जै माता की।
पर सच्चे राजू भैया तो नौकरशाह हैं। बाढ़ की असली मलाई तो नौकरशाह और नेता काटेंगे जब इस बाढ़ से राहत का काम शुरू होगा- होगा का मतलब ये न मान लें कि वाकई कोई राहत वाहत शुरू होगी- मतलब बस इतना कि खजानों से राहत के लिए पैसा निकलेगा- इस एकाउंट में जाएगा उस सूटकेस में जाएगा बहुत मंहगाई है भई। और कंपीटिशन भी कौन कम है- लालूजी हो आए बिहार के ऊपर, पासवानजी भी हो आए, नीतीश भी गए होंगे- आसान काम है क्या- इतने नेता ऊपर मंडराते हैं कि लगता है कि कहीं ऊपरै जाम न हो जाए ट्रेफिक। अब तो चाहिए कि कुछ फंड वंड का इंतजाम कर इन बाढ़ प्रभावित इलाकों में एयर ट्रेफिक कंट्रोल की टावरें बनाई जाएं। ताकि हवाई सर्वेक्षणों में सुविधा रहे।
वैसे बाढ़ सबके लिए आनंद लाती है- नेता, नौकरशाह पत्रकार तो चलो भौतिक कारणों से खुश होते हैं और बच्चे जो बच जाएं वो इस बात से खुश हो जाते हैं कि इस बहाने नौका विहार का आनंद मिलता है, स्कूल नाम की कोई चीज हो तो उससे छुट्टी मिलती है। बड़े इसलिए खुश हैं कि गंगा/यमुना/ब्रह्मपुत्र मैया या जो भी मैया हो वह घर आकर दर्शन देती है। तो कुल मिलाकर ये कि बाढ़ मैया को हम कोई पसंद करता है- एवरीबॉडी लव्स ए गुड फ्लड
5 comments:
काश हमारे चिट्ठे पर तो टिपियाने की या हिट्स की बाढ आ जाये..चाहे कितनी ज्यादा हो हम हस कर झेल लेगे..बाकी बारिश की बाढ कैसी भी हो अच्छी नही होती है जी..हा अगर आपको किसी नेता के साथ फ़्री मे उडान का मौका मिल जाये तो अच्छी होती है सिर्फ़ उडने वालो के लिये नीचे तो वही हर पर छु कर जाती मौत का नजारा ...
खैर व्यंग एक तरफ, गंगा का कछार, नीलगाय और जट्रोफा में पढ़ें कि बाढ़ न आने से फसल कैसे चौपट हो गयी है और कछार हैसे बढ़ गया है. नदी के किनारे की अर्थ व्यवस्था बाढ़ से लायी उर्वर मिट्टी पर भी बहुत निर्भर है.
पर यह सही है कि गिद्धों के लिये बाढ़ का दूसरा ही उपयोग है!
आपका blog अच्छा है
मे भी ऐसा blog शुरू करना चाहता हू
आप कोंसी software उपयोग किया
मुजको www.quillpad.in/hindi अच्छा लगा
आप english मे करेगा तो hindi मे लिपि आएगी
सही है। चलेगा। साधुवाद!
बढिया लिखा है।
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