हमारी बेहद विद्वान सहयोगी हैं, जब मैं इसी कॉलेज में विद्यार्थी था तो वे मेरी शिक्षिका थीं, इस लिहाज से मैं उनका दोहरा सम्मान करता हूँ- वे कक्षा लेने ऊपर जा रहीं थीं मैं कक्षा लेकर उतर रहा था, हम सीढि़यों पर मिले। उन्होंने स्नेह से चुनौती हमारी ओर उछाली कि मैं कक्षा लेकर आती हूँ, तब तक तुम जरा सोचो कि मित्रो मरजानी के अंग्रेजी अनुवाद का शीर्षक क्या हो-
इस बात को आज का पूरा दिन बीत गया है ओर मैं कुद नहीं सोच पाया, जबकि मैं खूब कोशिश कर चुका हूँ। मित्रो तो चलो नाम है पर 'मरजानी' जो हे तो गाली पर एंडीयरमेंट -स्नेह के साथ है। अब कमबख्त इस सुहाली का अनुवाद क्या हो। इससे पहले कि आप हमारी सहायता के लिए गगूलिंग शुरू करें , बता दें कि यह कोशिश हम कर चुके हैं- आज ही एक बार और उपन्यास को फिर से पलट चुके हैं।
नेट शोध से ही पता चला कि कृष्णा सोबती अनुवाद करने के लिहाज से हिंदी की शायद सबसे मुश्किल रचनाकार हैं। उनके 'दिलो दानिश' के अनुवाद का शीर्षक है- Heart has its reasons! सच कहूँ मुझे तो नाम ठीक ही लगा पर मुझे बताया गया कि ये शीर्षक को बहुत सटीक नहीं ही माना गया था और खुद सोगतीजी को भी कुछ खास पसंद नहीं ही आया था। ऐसे में मित्रो मरजाणी के लिए शीर्षक तो टेढ़ी खीर है- ये कोई सीधा उपन्यास है भी नहीं।
मित्रो की कहानी है एक सच ही मरजानी की कहानी है जो स्नेही है, ममतामयी भी है ठीक पर उसमें इच्छाएं, वासनाएं हैं....रहती हैं। ये इच्छाएं हैं ओर पुजाबी परिवेश में खूब मक्त भाषा में लिखा उपन्यास, बस मित्रो मरजानी ही है, अब आप ही बताएं इसका अंगेजी अनुवाद क्या हो।
2 comments:
वाह जी वाह.. अपनी बला हमारे सर.. खुद ही कह रहे हैं कि अनुवाद बड़ा मुश्किल है.. फिर हमारी ओर ठेल रहे हैं.. बताइये..!!
’मरजानी’ शब्द आपने सिर्फ पढ़ा ही होगा हमने बचपन से इस और इस जैसे कई शब्दों को सुना और जिया है।
ऐसे शब्द और भाव और किसी भाषा के पास हैं ही नहीं, अनुवाद कैसे करियेगा?
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